रेल में सफर करने वाले यात्रियों को अब सुरक्षा के नाम पर ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं। रेलवे के बढ़ते घाटे से उबारने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु रेल किराए पर सेस लगाने पर विचार कर रहे हैं।
स्लीपर, सेकंड क्लास और एसी 3 पर सेफ्टी सेस ज्यादा लग सकता है। तो वहीं, एसी 1 और एसी 2 पर यह मामूली रूप से लगाया जा सकता है। मगर इस सेस का असर स्लीपर श्रेणी में सफर करने वाले रेल मुसाफिरों पर ज्यादा पड़ सकता है।
दरअसल, रेल मंत्रालय को सेफ्टी फंड के लिए 1 लाख 20 हजार करोड़ की ज़रूरत है जबकि, वित्त मंत्रालय ने इस फण्ड का मात्र 25 फीसदी पैसा ही देने की बात कही है। बाकी राशि के लिए रेलवे किराया बढ़ाने की बजाय सेफ्टी सेस लगाने की तैयारी में है, जो कि राष्ट्रीय रेल संरक्षण कोष में जमा होगा।
रेलवे में स्पीड और सेफ्टी के लिए रेलवे को पैसे की जरूरत है। रेलवे चाहता है कि वो ट्रैक सुधार, सिग्नल सिस्टम अपग्रेडेशन, मानव रहित क्रॉसिंग को व्यवस्थित करने के लिए वित्त मंत्रालय के पास लगभग सवा लाख करोड़ रुपए का बजट बना कर भेजा था। अब वित्त मंत्रालय केवल 25 प्रतिशत ही फंड देने को तैयार हुआ है। अब बाकी के फंड को जुटाने के लिए किराया बढ़ाने के अलावा कोई और दूसरा चारा नहीं है।