नई दिल्ली, अयोध्या राम जन्मभूमि विवाद मामले में आज से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होने जा रही है। इस मामले से जुड़ी कई याचिकाओं पर महत्वपूर्ण सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में होंगी, जिनपर पूरी देश की निगाहें टिकी हुई हैं। पिछली सुनवाई में प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने साफ कर दिया था कि इस मामले की सुनवाई नहीं टाली जाएगी।
शीर्ष न्यायालय की विशेष पीठ ने सुन्नी वक्फ बोर्ड व अन्य की इस दलील को खारिज किया था कि याचिकाओं पर सुनवाई अगले आम चुनावों के बाद हो। 5 दिसंबर को मुस्लिम पक्षकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि मामले की सुनावाई के लिए इतनी जल्दी क्यों है? हालांकि विशेष पीठ ने यह स्पष्ट कर दिया था कि वह आठ फरवरी से इन याचिकाओं पर अंतिम सुनवाई शुरू करेगी और अब इस मामले की सुनवाई में देरी नहीं की जाएगी।
5 दिसंबर को क्या बोले थे कपिल सिब्बल
मुस्लिम पक्षकार की ओर से पेश वकील कपिल सिब्बल ने इस मामले की सुनवाई को आगामी आम चुनाव के बाद तक टालने की अपील की थी। हालांकि कोर्ट ने उनकी इस दलील को खारिज कर दिया था। सिब्बल ने कहा था कि ये कोई साधारण जमीन का मामला नहीं है बल्कि इस मामले का राजनीति के भविष्य पर भी असर पड़ेगा, ऐसे में 2019 के आम चुनाव तक इसकी सुनवाई को टाल देना चाहिए।
राम जन्मभूमि ट्रस्ट की ओर से क्या कहा गया
राम जन्मभूमि ट्रस्ट, राम लला व अन्य की ओर से हरीश साल्वे और सीएस वैद्यानथन व अन्य पेश हुए थे। साल्वे ने कहा था कि अपील सात साल से लंबित है। इस बात का किसी को नहीं पता कि क्या फैसला होना है। मामले में सुनवाई होनी चाहिए। कोर्ट को इस बात से कोई मतलब नहीं होता कि बाहर क्या परिस्थितियां है और क्या हो रहा है।
तीन जजों की स्पेशल पीठ करेगी सुनवाई
बता दें कि 21 जुलाई 2017 में सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने मामले को उठाया था और अयोध्या केस की जल्द सुनवाई किए जाने की अपील की थी। तब चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली बेंच ने कहा था कि हम जल्दी सुनवाई के मुद्दे पर फैसला लेंगे। जिसके बाद इस मामले में 7 अगस्त को स्पेशल बेंच का गठन किया गया। बेंच में चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के अलावा जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस अब्दुल नजीर हैं
इन मामलों पर भी सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई
आधार कार्ड की अनिवार्यता पर सुनवाई
आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज भी सुनवाई जारी रहेगी। बुधवार को हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा
आज के तकनीकी दौर में ये कहना एक दम सही होगा कि एक बार व्यतिगत सूचना लोगों के बीच आ जाती है तो उसके घातक परिणाम हो सकते है।
रैन बसेरा मामले की सुनवाई
रैन बसेरा मामले में भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जमकर फटकार लगाते हुए कहा था कि प्रदेश की 2011 की जनगणना के मुताबिक 1 लाख 22 हजार लोग बेघर हैं, जबकि अब यूपी सरकार कह रही है कि सिर्फ 22 हजार लोग ही बेघर हैं। इसका मतलब तो यही है कि आप इस एवज में मिले बाकी पैसे वापस कर दे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य स्तर पर तीन सदस्यीय कमिटी बने, जिसमें एक सिविल सोसायटी के हो, दूसरा रिटायर्ड सचिव स्तर का अधिकारी और तीसरा प्रधान सचिव शहरी विकास विभाग का हो।
बोफोर्स मामला की सुनवाई
प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ बोफोर्स मामले की भी सुनवाई करेगी। वकील अजय अग्रवाल की ओर से दायर इस याचिका के बाद सीबीआई ने तय किया कि वो 12 साल पुराने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को अब सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी।