सुप्रीम कोर्ट में मौलिक कर्तव्यों को लागू कराने की याचिका पर सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के सीजेआई खेहर ने बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय को कहा कि आपको कोर्ट नहीं बल्कि सरकार के पास जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि आप सबसे प्रभावशाली पार्टी के प्रवक्ता हैं, ऐसे में आपको सरकार से बात करनी चाहिए।
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान में दिए मौलिक कर्तव्यों को लागू कराने की याचिका बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने करवाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय को कहा कि इसके लिए आपको कोर्ट नहीं बल्कि सरकार के पास जाना चाहिए। दरअसल बीजेपी प्रवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दाखिल कर कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जस्टिस वर्मा कमिशन और जस्टिस वैंकटचलैया कमिशन की मौलिक कर्तव्यों को लागू करने की सिफारिशों को लागू कराने के लिए संविधान में संशोधन के लिए सरकार को निर्देश जारी करे।
कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में कोर्ट सरकार को कैसे निर्देश दे सकती है कि वो कमिशन की सिफारिशें लागू कराएं। वैसे भी इन सिफारिशों के लिए सरकार बंधी नहीं हैं यह पॉलिसी निर्णय हैं। कोर्ट मे आगे यह भी कहा कि आप खुद ही सरकार हैं और आपको खुद सरकार को कहना चाहिए।
मौलिक कर्तव्य की संख्या 11 है, जो इस प्रकार है:
1. प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह संविधान का पालन करे और उसके आदर्शों, संस्थाओं, राष्ट्र ध्वज और राष्ट्र गान का आदर करें।
2. स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करनेवाले उच्च आदर्शों को हृदय में संजोए रखे और उनका पालन करे।
3. भारत की प्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।
4. देश की रक्षा करे।
5. भारत के सभी लोगों में समरसता और समान भ्रातृत्व की भावना का निर्माण करे।
6. हमारी सामाजिक संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका निर्माण करे।
7. प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और उसका संवर्धन करे।
8. वैज्ञानिक दृष्टिकोण और ज्ञानार्जन की भावना का विकास करे।
9. सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे।
10. व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर बढ़ने का सतत प्रयास करे।
11. माता-पिता या संरक्षक द्वार 6 से 14 वर्ष के बच्चों हेतु प्राथमिक शिक्षा प्रदान करना। (86वां संशोधन)