सुप्रीम

सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को 10 जुलाई को कोर्ट में पेश होने का आदेश सुनाया है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या को देश लाने की कोशिश हो रही है। बैंक असोसिएशन का कहना है कि 40 मीलियन यूएस डॉलर जो डिएगो डील से मिले हैं उन्हें सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराए जाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के खिलाफ बैंकों के एसोसिएशन की याचिका पर ये फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा माल्या ने जो संपत्ति का ब्यौरा दिया है वह सही नहीं है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने माल्या से पूछा था कि आपने अपनी संपत्ति के बारे में कोर्ट को जो जानकारी दी है वह सही है या नहीं। हाई कोर्ट का आदेश था कि माल्या बिना कोर्ट की इजाजत के कोई भी ट्रांजक्शन नहीं कर सकते।

वही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह माल्या के मामले में जारी होने वाले आदेश के पालन सुनिश्चित करने के बारे में बताए क्योंकि माल्या देश छोड़ चुके हैं और यूके में रह रहे हैं। मामले की सुनवाई के दौरान एसबीआई की ओर से कोर्ट को बताया गया कि माल्या के उपर 9200 करोड़ बकाया है। साथ ही कहा कि माल्या की अर्जी पर सुनवाई नहीं होनी चाहिए क्योंकि माल्या बार बार कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं. माल्या ने कहा कि उनकी संपत्तियां बैंक जब्त कर चुकी है और ऐसे में 9200 करोड़ रुपये वह नहीं चुका पाएंगे। बैंक चाहे तो जो 2000 करोड़ की संपत्ति जब्त की हुई है उसे बेच सकती है।

आपको बता दें कि विजय माल्या को लंदन के स्कॉटलैंड यार्ड से गिरफ्तार किकर लिया गया था। वेस्टमिंस्टर कोर्ट से आदेश मिलने के बाद विजय माल्या को गिरफ्तार किया गया था। माल्या को अब कोर्ट में पेश किया जायेगा। माल्या पर इंडियन बैंकों से 9 हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज लेने का आरोप है। बाद में माल्या को जमानत भी मिल गई थी। जानें माल्या के ऊपर किस बैंक से   कितने रूपए लोन लिए हैं जानें-

(1) पीएनबी-800 करोड़
(2) स्टेट बैंक ऑफ मैसूर-150 करोड़
(3) कॉर्पोरेशन बैंक-310 करोड़
(4) बैंक ऑफ इंडिया- 650 करोड़
(5) यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया- 430 करोड़
(6) इंडियन ओवरसीज बैंक-140 करोड़
(7) यूको बैंक- 320 करोड़
(8)  आईडीबीआई-800 करोड़
(9) एक्सिस बैंक-50 करोड़
(10) सेट्रल बैंक ऑफ इंडिया-410 करोड़
(11) फेडरल बैंक- 90 करोड़
(12) पंजाब एंड सिंध बैंक-60 करोड़
(13) एसबीआई-1600 करोड़

माल्या का मामला जानें
विजय माल्या ने 9 हजार करोड़ रुपये कर्ज लेने के बाद उसको वापस नहीं किया था और वह देश छोड़ कर लन्दन चला गया था। कुछ दिन बाद ही उच्चतम न्यायालय ने माल्या को अपने पासपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से 30 मार्च, 2016 को पेश होने को कहा था माल्या के देश छोड़ने के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार पर करारा हमला बोला था। सरकार ने ऐलान किया था कि माल्या को वापस लाया जाएगा।