छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए नक्सली हमले में जहां 26 जवान शहीद हो गए हैं, तो वहीं 8 जवान गंभीर रूप से घायल और 7 से ज्यादा लापता भी हैं। घात लगाकर हुए इस नक्सली हमले में जवानों ने भी नक्सलियों को जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इस हमले में गंभीर रूप से घायल हुए जवान शेर मोहम्मद ने घायल होने के बाद भी 5 नक्सलियों के सीने में गोलियां दागी और उन्हें मौत के घाट उतार दिया। शेर मोहम्मद की मां फरीदा को अपने बेटे की जाबांजी पर नाज है।
उन्होंने कहा, ‘मेरे बेटे ने 5 नक्सलियों को ढेर किया। मुझे उस पर गर्व है। पूरा गांव उसके और बाकी जवानों के ठीक होने की दुआ कर रहा है।’
घायल जवान शेर मोहम्मद ने अस्पताल में घटना के बारे में बताते हुए कहा कि उन्होंने खुद ही कई नक्सलियों के सीने में गोलियां दागी हैं। सीआरपीएफ के जवानों ने भी नक्सलियों की कार्रवाई का जवाब देते हुए कई नक्सलियों को मौत के घाट उतारा है।
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राजनाथ ने दी श्रद्धांजलि
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने इस हमले में शहीद हुए 26 जवानों को रायपुर में श्रद्धांजलि दी है। हमले के बाद राजनाथ ने कहा था कि सरकार इस हमले को एक चुनौती की तरह लेगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
इस तरह हुआ हमला
आपको बता दें कि सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के जवान बुरकापाल में बन रही सड़क के काम में सुरक्षा देने के लिए जा रहे थे। जैसे ही ये जवान चिंतागुफा के करीब पहुंचे एक जबरदस्त धमाका हुआ। धमाके के बाद जवान संभल भी नहीं पाए थे कि उन पर दोनों तरफ से अंधाधुंध गोलीबारी होने लगी। कुछ जवानों ने नक्सलियों पर जवाबी फायरिंग भी की मगर नक्सलियों की तादाद ज्यादा थी और उन्होंने पहले से मोर्चा भी संभाल रखा हुआ था।
बताया जा रहा है कि घात लगाकर किए गए इस हमले में करीब 300 नक्सली शामिल थे, जिन्होंने सीआरपीएफ के 90 जवानों को निशाना बनाया। हमला करने वालों में महिला नक्सलियों की तादाद भी अच्छी-खासी थी। हमले के बाद मची अफरा-तफरी में नक्सलियों ने जवानों की राइफलें भी लूट लीं।
सूत्रों के अनुसार इस हमले को नक्सली कमांडर हिडमा ने अंजाम दिया है। हमले की वजह बुरकापाल में बन रही सड़क को बताया जा रहा है। नक्सली इस सड़क का लगातार विरोध कर रहे थे। उन्हें डर था कि यदि सड़क बन गई, तो सुरक्षा बल सीधे उनके गढ़ तक पहुंच जाएंगे।