नई दिल्ली। आप भी जानकर हैरान होंगे कि एक लड़की की शादी कुत्ते के बच्चे से कर दी गई, लेकिन ये सच है। आज भी कई लोग जीवन में अजीबो गरीब परंपरा को अपना रहे हैं। बता दें छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में आदिवासी मुंडा समाज में एक अजीबो-गरीब परंपरा है। यहां ग्रह-दोष मिटाने के लिए बच्चों का विवाह कुत्ते के बच्चे के साथ किया जाता है और ये शादी अन्य शादियों की तरह धूमधाम की जाती है।
जानकारी के मुताबिक समाज में मान्यता है कि दुधमुंहे बच्चों के ऊपरी दांत पहले निकलने पर उसे ग्रहदोष लग जाता है। इसलिए पांच वर्ष से पहले ऐसे बच्चों की शादी कुत्ते के साथ की जाती है। शादी पूरे रीति-रिवाज व धूमधाम से होती है। बच्चों को दूल्हा-दुल्हन के रूप में सजाने के साथ कुत्ते के बच्चे को सजाया जाता है। उसे माला पहनाई जाती है। बारात निकालकर गांव के आखिरी छोर में बच्चों की शादी की जाती है। बड़े-बुजुर्ग पूजा-अर्चना के साथ बच्चों व कुत्ते को हल्दी गाते हैं।
भरी जाती है मांग
सामान्य शादी की तरह मांग भरी जाती है, आशीर्वाद लिया जाता है। शादी संपन्न होते ही समाज की महिलाएं पारंपरिक गीत गाते हुए झूमते-नाचते दूल्हा-दुल्हन को घर ले जाती हैं, जहां उनके पैर धुलाकर घर प्रवेश कराया जाता है। कुत्ते को खाना खिलाया जाता है। इसके बाद रातभर जश्न मनाया जाता है। दूल्हा-दुल्हन की देखरेख की जिम्मेदारी बड़े होने तक समाज के लोग ही निभाते हैं। समाज के लोगों के मुताबिक इस परंपरा को निभाने से बच्चों पर से सभी प्रकार के ग्रहदोष मिट जाते हैं।