लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी शिक्षा बोर्ड बनाकर छात्रों से ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया। पुलिस ने इस मामले में गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया।
एसटीएफ के सूत्रों ने बताया कि बल को ‘उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद’ के नाम से फर्जी बोर्ड बनाकर वेबसाइट के जरिए हजारों छात्रों से आनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर ठगी किए जाने की शिकायतें मिली थीं। जांच में तीन संदिग्ध वेबसाइट फर्जी पाई गईं। पता चला कि इस कथित बोर्ड का संचालन लखनऊ के फरीदीनगर में किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि सम्बन्धित बोर्ड के कार्यालय में छानबीन की गई तो पता चला कि बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक एवं दिल्ली सहित कई राज्यों मे स्टडी सेन्टर बनाकर देश के विभिन्न राज्यों में इस बोर्ड से सम्बंधित कार्यालय खुले है। उत्तर प्रदेश में 62 शिक्षण संस्थान इस बोर्ड से मान्यता प्राप्त कर छात्रों को प्रमाणपत्र जारी कर रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक यह भी मालूम हुआ कि इस फर्जी बोर्ड के प्रबन्धक राजमन गौड़ ने वेबसाइट के रखरखाव के लिए एक विशेषज्ञ की नियुक्ति की है जो अपनी मर्जी से डेटाबेस मे छात्रों के अंकपत्रों में नम्बर अंकित करता है। साथ ही फर्जी तरीके से आईएसओ 9001 का प्रमाण पत्र भी हासिल कर अपनी वेबसाइट पर डाला गया है। एसटीएफ और स्थानीय पुलिस ने फरीदीनगर के रहेजा हाउस में छापा मारकर फर्जी बोर्ड के संचालक राजमन गौड़, कनिकराम शर्मा, सुनील शर्मा, नीरज शाही, जितेन्द्र गौड़, राधेश्याम प्रजापति और नीरज प्रताप सिंह नामक व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ से पता चला कि प्रबन्धक गौड़ ने फर्जी माइक्रो फाइनेन्स कम्पनी भी खोली है जिसके माध्यम से बड़ी संख्या में लोगों से ठगी की जा रही है। बहरहाल, मामला दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है।