अजान

सोनू निगम के 16 अप्रैल को सुबह किये गए अजान के ट्वीट पर विवाद खड़ा हो गया था। यह विवाद पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट तक पहुँच गया। सोनू के इस ट्वीट पर उनका कई लोगो ने साथ दिया था और कई लोग उनके खिलाफ भी थे। इसी चक्कर में सोनू खिलाफ फतवा जारी कर दिया गया था और उनको अपना मुंडन तक करवाना पद गया था।

भारत में ऐसी जबरदस्ती वाली धार्मिकता कब बंद होगी : सोनू निगम

पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने अजान को लेकर कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं कि अजान इस्लाम का आंतरिक हिस्सा है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि इसे लाउडस्पीकर के जरिए दिया जाए। जस्टिस एएस बेदी की बेंच ने सोनू निगम के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही।

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जस्टिस बेदी ने याचिका में कहा कि यह सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए दायर किया गया था। ‘गुंडागर्दी’ शब्द का इस्तेमाल अजान के लिए नहीं बल्कि लाउडस्पीकर के लिए किया गया था।”

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गौरतलब है कि सोनू निगम ने कहा कि, मैं मुस्लिम नहीं हूं और अजान की आवाज से सुबह मेरी जल्दी नींद खुल जाती है। भारत में ऐसी जबरदस्ती वाली धार्मिकता कब बंद होगी। सोनू निगम ने आगे अपने ट्वीट में लिखा कि , जिस समय मोहम्मद ने इस्लाम की स्थापना की थी, तब बिजली नहीं थी। इसके बावजूद क्या वजह है कि एडिसन के आविष्कार के बाद भी ये शोर क्यों सुनना पड़ रहा है।

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सोनू निगम ने तीसरा ट्वीट लिखते हुए कहा कि मैं किसी मंदिर या गुरुद्वारे पर विश्वास नहीं करता कि बिजली के इस्तेमाल से लोगों को सुबह जगा देते हैं जो उस धर्म को फॉलो नहीं करते. तो क्यों..? ईमानदार? सच? इसके बाद निगम ने कहा कि गुंडागर्दी है बस।