भारत और चीन के बीच लगातार विवाद गहराता जा रहा है, गुरुवार को चीन के सरकारी अखबार ने लिखा है कि चीन को सिक्किम नीति पर दोबारा विचार करना चाहिए। अखबार ने लिखा है कि बीजिंग को स्वतंत्र सिक्किम की मांग करनी चाहिए। इसी बीच अब सिक्किम के मुख्यमंत्री पवन चामलिंग का भी बयान आया है। उन्होंने कहा है कि सिक्किम के लोग चीन और बंगाल के बीच सैंडविच बनने के लिए भारत के साथ नहीं जुड़े थे।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी एक खबर के अनुसार, एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि सिक्किम को पिछले 30 वर्षों में दार्जिलिंग के विरोध के कारण लगभग 60,000 करोड़ का नुकसान हुआ है। गौरतलब है कि सिक्किम भारत के साथ 1975 में जुड़ा था। चामलिंग राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर अपना 5वां कार्यकाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि चीन की ओर से नाथु ला बॉर्डर पर दबाव बन रहा है, वहीं दूसरी ओर सिलिगुड़ी से कहा जा रहा है कि वह सिक्किम में पेट्रोल और खाना नहीं आने देंगे।
कहां से शुरू हुआ विवाद?
पिछले दिनों सिक्किम सेक्टर के डोंगलांग में चीन की ओर से सड़क बनाने का भारतीय सैनिकों ने विरोध किया। इसके बाद चीनी सैनिकों ने सिक्किम सेक्टर में भारत के दो बंकरों को तोड़ दिया। चीन इसे अपनी सीमा में बता रहा है। भारतीय सैनिकों ने चीनी सेना की इस कार्रवाई की विरोध किया। तब से अबतक दोनों देशों के हजारों सैनिक आमने-सामने खड़े हैं। दरअसल चीन बॉर्डर पर भारत ने अपनी तैयारियां मजबूत की हैं। पुराने बंकरों की जगह नए बंकरों की इंडियन आर्मी के निर्माण कार्यों को चीन पचा नहीं पा रहा है और इसे उकसाने वाली कार्रवाई बता रहा है।