शास्त्रों में हर फल और सब्जी का उपयोग और दुरुपयोग दोनों दिए गए हैं। कुछ ऐसे भी भोज्य पदार्थ हैं जिन्हें अति शुभ और अशुभ माना जाता है जैसे बैंगन वो हर देवता पर चढ़ाने के लिए वर्जित माना गया है। भगवान शंकर के अतिरिक्त यह किसी को नहीं चढ़ता। इसी प्रकार एक ऐसा फल है जिसे शास्त्रों ने सर्वोत्तम माना है। जो न केवल औषधीय गुणों से भरपूर है परंतु इसमें स्वयं लक्ष्मी और नारायण का वास माना जाता है। यह फल है आवंला
शास्त्र हेमाद्रि व स्मृति-कौस्तुभ के अनुसार आवंले के पेड़ में स्वयं लक्ष्मी और नारायण का वास है। इसी पेड़ में भगवान विष्णु के दामोदर और परम राधारानी का वास माना जाता है। ब्रह्माण्ड पुराण के अनुसार इसी पेड़ में भगवान विष्णु के पशुराम स्वरूप का वास भी है।
आज 26 फरवरी 2018 को फाल्गुण माह के शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी तिथि पर आवंले के पेड़ का पूजन करना शुभ फल देगा। आंवले के पेड़ के नीचे विष्णु पूजन करने से अमंगल कटता है मंगल आता है। प्राणों की रक्षा होती है तथा दांपत्य जीवन में मधुरता आती है।
भद्रा होने के कारण आमलकी एकादशी का पूजन संध्या काल में शाम 5.30 बजे होगा। 6.21 मिनट तक शुभ समय है। इस समय के दौरान किया गया ये छोटा सा उपाय आपकी किस्मत के द्वार खोल देगा।
आवंले की जड़ में दूध चढ़ा कर उसके चारों तरफ परिक्रमा करते हुए मौली बांधे 11 बाती वाला दीपक आंवले के पेड़ के नीचे लगाएं। इससे मिलेंगे ये लाभ-
-पारिवारिक जीवन अच्छा रहेगा।
-संतान कहना मानेगी, आयु और यश प्राप्त होगा।
-प्राणों की रक्षा होती है।