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जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने महागठबंधन टूटने के बाद बागी तेवर अपना लिए हैं। आज यानी गुरुवार को शरद यादव ने दिल्ली में सांझी विरासत बचाओ के नाम का सम्मेलन का आयोजन किया है। इस बैठक में लगभग 17 राजनीतिक दलों के हिस्सा लेने का दावा किया जा रहा है।

सम्मेलन का आगाज़ करते हुए शरद यादव ने कहा कि देशभर में किसानों और दलितों के साथ अत्याचार हो रहा है, देश भर में बेचैनी है। शरद यादव ने कहा कि मैंने किसी को नहीं बुलाया है फिर भी हजारों लोग मेरे साथ जुड़ रहे हैं।

कार्यक्रम में गुलाम नबी आजाद, रामगोपाल यादव, सीताराम येचुरी और डी राजा पहुंचे हैं। मंच पर राहुल और मनमोहन सिंह भी मौजूद हैं।

राहुल ने मंच से सीधे मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आने से पहले कहा गया था कि 2 करोड़ लोगों को रोजगार देंगे, सभी के बैंक अकाउंट में 15 लाख देने का वादा किया था लेकिन उन्होंने एक भी वादा पूरा नहीं किया।

यही नहीं राहुल गाँधी ने संघ पर भी वार किया। उन्होंने कहा कि संघियों ने तिरंगे को सलाम करना भी सत्ता में आने के बाद ही सीखा है। संघ के लोग जानते हैं कि ये चुनाव नहीं जीत सकते हैं इसलिए हर जगह अपने लोगों को डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम लोगों को इनके खिलाफ एक साथ होकर लड़ना है. पिछले 2 साल में 1 लाख 30 करोड़ रुपए 10-15 करोड़पतियों का क़र्ज़ माफ कर दिया है। तमिलनाडु के किसान जंतर-मंतर पर नंगे होकर प्रदर्शन कर रहे हैं, किसान पूरे देश में मर रहे हैं।

राहुल ने मोदी पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने पूरे देश को 15-20 कारोबियों के हाथों में दिया हुआ है। ये लोग ही पूरा देश चला रहे हैं, ये लोग मोदी जी की मार्केटिंग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमेशा सच की ही जीत होती है, चाहे फिर मोदी हो या कोई और हो. राहुल ने कहा कि मोदी जी का मेक इन इंडिया फेल हो गया है, संसद में मंत्री ने बताया कि सिर्फ 1 लाख लोगों को रोजगार दिलाया। लेकिन वादा तो 2 करोड़ किया।

सम्मलेन में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि शरद यादव के नेतृत्व वाली जेडीयू ही असली जेडीयू है, नीतीश वाली JDU बीजेपी की जेडीयू है।
आजाद ने कहा कि ये जो समय चल रहा है वो इमरजेंसी का बाप है। लोग सड़क पर भी बात करने से डर रहे हैं। इन्होंने टॉयलेट में भी जासूसी के लिए माइक्रोफोन लगाया हुआ है। उन्होंने कहा कि शरद यादव को बधाई कि उन्होंने मंत्री बनने का प्रस्ताव ठुकरा दिया।

नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला ने कार्यक्रम में कहा कि पहले हमारी जंग अंग्रेजो से थी, लेकिन अबअपनों से है। उन्होंने कहा कि मैं फक्र से कहता हूं कि मैं मुसलमान हूं, मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं। उन्होंने कहा कि ये लोग जोड़ने की बात करते हैं लेकिन तोड़ने का काम कर रहे हैं। एक पाकिस्तान बना दिया पर अब कितने पाकिस्तान बनाओगे। उन्होंने कहा कि हम पर आरोप लगाते हैं कि हम वफादार नहीं हैं, पर सच ये है कि तुम लोग दिलदार नहीं हो। हम 1947 में आसानी से पाकिस्तान जा सकते थे, लेकिन नहीं गए। मैं उस घाटी से आया हूं जहां पर लोगों को पाकिस्तानी कहा जाता है। हम पाकिस्तानी या अंग्रेजी मुसलमान नहीं हैं हम एक हिंदुस्तानी मुसलमान हैं।

इस तरह का सम्मेलन आयोजित कर शरद यादव ने ये तो पक्का कर दिया है कि उनकी नीतीश के साथ करीब बीस सालों से चली आ रही दोस्ती पर पूर्णविराम लग गया है। यही वजह है कि जेडीयू ने शरद को राज्यसभा में अपने संसदीय दल के नेता के पद से हटा दिया गया है।

बिहार में शरद यादव के करीबी 21 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया क्योंकि ये लोग शरद यादव की यात्रा में शामिल हुए थे। इसके अलावा उनके साथ नीतीश के खिलाफ बगावत करने वाले राज्यसभा के सांसद अली अनवर के खिलाफ भी कार्रवाई की गई।

शरद यादव साझा विरासत बचाओ सम्मेलन के लिए पूरी जी जान से जुटे हुए हैं ताकि वह विपक्ष को एकजुट करने वाले नेता के तौर पर अपनी पहचान बना सकें। इसके लिए बी आर अंबेडकर के परपोते प्रकाश अंबेडकर को भी बुलाया गया है और महाराष्ट्र के किसान नेता राजू शेट्टी को भी जिनकी संस्था स्वाभिमानी शेतकारी संगठन एनडीए के साथ थी, लेकिन आजकल उनके एनडीए से संबंध ठीक नहीं चल रहे हैं।

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कई बार पूछे जाने के बावजूद शरद यादव ने नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी नहीं बोला और सिर्फ इतना कहा कि उनका यह सम्मेलन किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि देश की साझी विरासत बचाने की कोशिश है।

वहीं बुधवार को जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने शरद यादव की प्रेस कांफ्रेंस के बारे में कहा कि अगर शरद यादव देश की साझी विरासत बचाने के लिए लोगों को लामबंद करते हैं तो उन्हें इससे कोई दिक्कत नहीं है लेकिन अगर शरद यादव 27 अगस्त को पटना में होने वाले लालू यादव की रैली में हिस्सा लेते हैं तो जेडीयू में उनके लिए कोई जगह नहीं रह जाएगी।