पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शाहिद आफरीदी के कश्मीर मुद्दे पर दिए बयान की भारत में हर तरफ आलोचना हो रही है. कई क्रिकेट खिलाड़ियों ने इसपर पलटवार किया है. हालांकि यह पहला मामला नहीं है जब कश्मीर को लेकर शाहिद आफरीदी ने विवादित बयान दिया है. लगातार बयान देने के पीछे वजह उनका कश्मीर कनेक्शन है.
1947 में आफरीदी कबीले ने बोला था हमला
भारत, पाकिस्तान और कश्मीर से शाहिद के कबीले आफरीदी का कनेक्शन आजादी के वक्त से है. पाकिस्तान ने इस कबीले का इस्तेमाल 1947 में कश्मीर की रियासत को पाकिस्तान में शामिल करने के लिए किया था. 1947 में कश्मीर की रियासत और उसके राजा हरि सिंह के खिलाफ आफरीदी कबीले ने हथियारों के साथ हमला किया था और काफी लूटपाट मचाई थी. हिंसा और लूट मचाने वाले इस कबीले के खिलाफ राजा हरि सिंह ने भारत की मदद मांगी थी.
इसके बाद मजबूरी में भारत को पाकिस्तान समर्थक इन कबायलियों के खिलाफ अपनी सेना भेजनी पड़ी. अक्टूबर 1947 से शुरू हुए इस संघर्ष का समापन 1 जनवरी 1949 में दोनों देशों के बीच हुए शांति समझौते से हुआ. इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर का दो तिहाई हिस्सा भारत में रहा, जबकि एक तिहाई हिस्से पर आज भी पाकिस्तान का कब्जा है.
इस लड़ाई में 6 हजार से अधिक पाकिस्तान समर्थक आफरीदी कबीले के लोगों की भी जान गई थी. शायद हार की वह टीस आज भी आफरीदी कबीले में बाकी है, जिस वजह से शाहिद आफरीदी भी कश्मीर पर बयान देते हैं.
आफरीदी का भाई था आतंकी
शाहिद आफरीदी का चचेरा भाई शाकिब हरकत उल अंसार एक आतंकी था. कश्मीर के अनंतनाग इलाके में भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में उसकी मौत हुई थी. सितंबर 2003 में बीएसएफ के हाथों मारे जाने से पहले शाकिब 2 साल तक कश्मीर में आतंक फैला रहा था. शाकिब भी पेशावर से था.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार युवाओं को जोड़ने के लिए और अपने आतंकी संगठन को मजबूत करने के लिए शाकिब आफरीदी के नाम का भी इस्तेमाल करता था और अपने रिश्ते के बारे में सबको बताता था. वहीं शाकिब की मौत पर मीडिया के सवाल पर आफरीदी ने कहा था कि उनका परिवार बहुत बड़ा है, कौन चचेरा भाई है और कौन क्या करता है मुझे नहीं पता.