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नई दिल्ली: विशेष सी.बी.आई. न्यायाधीश बी.एच. लोया की मृत्यु से संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान वकीलों में हुई तीखी नोंक-झोंक से नाराज उच्च्तम न्यायालय ने आज चेतावनी दी कि न्यायालय कक्ष को ‘मछली बाजार’ न बनाएं। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा,  न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई. चन्द्रचूड़ की पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई के दौरान जब 2 वरिष्ठ अधिवक्ताओं दुष्यंत दवे और पल्लव शिशोदिया के बीच गर्मागर्मी बढ़ी तो पीठ ने कहा कि यह ‘अस्वीकार्य’ है।

पीठ के सदस्य न्यायमूर्ति चन्द्रचूड़ ने दुष्यंत दवे से कहा, ‘‘इस न्यायालय में बहस को मछली बाजार के स्तर पर नहीं लाएं। आपको एक न्यायाधीश, जो कुछ कह रहे हैं, की आवाज दबानी नहीं चाहिए।  दवे इस मामले में बम्बई लायर्स एसोसिएशन का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। शिशोदिया महाराष्ट्र के पत्रकार बंधुराज संभाजी लोने की ओर से पेश हुए थे जिन्होंने बम्बई उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर लोया की मृत्यु की स्वतंत्र जांच कराने का निर्देश देने का अनुरोध किया था।