फिल्म ‘इंदु सरकार ‘ की रिलीज़ से जुड़े विवाद पर फैसला सुनाते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फिल्म की रिलीज़ को मंजूरी दे दी है। दिवंगत संजय गांधी की जैविक पुत्री बताने का दावा करने वाली एक महिला ने 28 जुलाई को रिलीज़ हो रही फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने का अनुरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।
उसका कहना था कि इस फिल्म में गांधी परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया। यह फिल्म 1975 से 1977 के आपातकाल के दौर पर आधारित है।
यह फिल्म 28 जुलाई को रिलीज़ होने वाली है। कांग्रेस ने इसकी जोरदार आलोचना की है। प्रिया सिंह पॉल नाम की इस महिला का आरोप था कि मधुर भंडारकर के निर्देशन वाली फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी की छवि को खराब किया गया है।
अब कुछ इस तरह कांग्रेस को जवाब देगी ‘इंदु सरकार’ की टीम
बता दें कि 16 जुलाई को फिल्म की प्रमोशन के लिए पूरी स्टारकास्ट पुणे पहुंची थी, लेकिन स्टारकास्ट के वहां पहुंचने से पहले ही कांग्रेस के कुछ कार्यकर्ता वहां पहुंच गए। हाल ही में नागपुर में भी यही हुआ था। वहां भी प्रेस कॉन्फ्रेस के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था।
‘इंदु सरकार’ की कहानी
इसमें नील नितिन मुकेश का किरदार संजय गांधी का किरदार निभा रहें हैं। ‘इंदु सरकार’ में इमरजेंसी के दौर को दिखाया गया है। यही वजह है कि कांग्रेस इस फिल्म की रिलीज का विरोध कर रही है। अलग-अलग शहरों में फिल्म के खिलाफ होते प्रदर्शन को देखते हुए मधुर भंडारकर को अब सुरक्षा प्रदान की गई है।
हाल ही में एक कॉन्फ्रेंस में प्रिया सिंह ने कहा कि, ” वो फिल्म का ट्रेलर देख कर हैरान थीं कि एक तरफ संजय गांधी के रोल में एक आदमी कहता है ये सरकार (चाबुक) से चलती है और दूसरे सीन में एक महिला को जेल में फांसी दी जाती है और बाद में बलात्कार किया जाता है। जो पूरी तरह गुमराह करने वाला था। ट्रेलर को देखकर ये लगता है कि ये फिल्म संजय गांधी की इमेज को पूरी तरह भ्रमित करेगी। मैं संजय गांधी से मिली हुई हूं उनका स्वभाव बहुत ही जेंटल है।”