आम आदमी पार्टी (आप) नेता और दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस को किसी अन्य जज को ट्रांसफर करने के निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। निचली अदालत के आदेश के कुछ घंटे बाद, चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की बेंच के समक्ष तत्काल सुनवाई के लिए याचिका लगाई गई, जिसने इसे सुनवाई के लिए सोमवार को सूचीबद्ध करने की अनुमति दी।
सत्येंद्र जैन की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील राहुल मेहरा ने कहा कि वह मामले को किसी अन्य जज को ट्रांसफर करने को चुनौती दे रहे हैं क्योंकि यह अवैध है। मेहरा ने कहा कि केस ट्रांसफर अवैध था।
जब चीफ जस्टिस ने जानना चाहा कि इतनी क्या जल्दी थी, इस पर वरिष्ठ वकील ने कहा कि निचली अदालत ने इसे शुक्रवार को ही सुनवाई के लिए रखा है और मामले की सुनवाई दिन-प्रतिदिन की जाएगी।
जैन ने एक जिला न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी है, जिसने आज जैन के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस को दूसरे जज को ट्रांसफर करने की मांग करने वाले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एक आवेदन को मंजूरी दी थी। एजेंसी ने कुछ दलीलें देते हुए स्पेशल जज गीतांजलि गोयल द्वारा सुनवाई कर रहे मामले को ट्रांसफर करने की मांग की।
प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनय कुमार गुप्ता ने कहा कि मामले की सुनवाई अब विशेष न्यायाधीश विकास ढुल करेंगे। स्पेशल जज ढुल के समक्ष शुक्रवार को जैन की जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
इससे पहले 19 सितंबर को जिला जज ने विशेष जज गीतांजलि गोयल के समक्ष निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी और मामले की सुनवाई 30 सितंबर की तय की थी। अदालत ने मामले को दूसरे जज को ट्रांसफर करने की ईडी की अर्जी पर जैन और अन्य सह-आरोपियों को नोटिस भी जारी किया था।
निचली अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए जैन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, जिसने 21 सितंबर को जिला न्यायाधीश को 22 सितंबर तक एजेंसी के स्थानांतरण के आवेदन पर शीघ्र निर्णय लेने का निर्देश दिया था। गुरुवार को जिला जज ने ईडी की अर्जी पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
ईडी ने 2017 में ‘आप’ नेता के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग केस में जैन और दो अन्य को गिरफ्तार किया था। जैन पर आरोप है कि उन्होंने उनसे जुड़ी चार कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की थी।