हरियाणा: आज यहां के बरवाला स्थित सतलोक आश्रम संचालक संत रामपाल पर चल रहे दो केसों में हिसार कोर्ट फैसला सुनाएगा। इसके चलते हिसार में धारा 144 लागू कर दी गई है। फ़िलहाल रामपाल दास देशद्रोह के मामले में हिसार जेल में बंद हैं।
संत रामपाल के खिलाफ बुधवार को FIR दर्ज कराई गयी है। जिसके चलते नंबर 201, 426, 427 और 443 के तहत पेशी हुई थी। बता दें कि कोर्ट ने FIR नंबर 426 और 427 का फैसला सुरक्षित रख लिया था। बता दें कि रामपाल के ऊपर 2006 में भी उन पर हत्या का केस भी दर्ज हुआ था।
हिसार के बरवाला में तीन साल पहले हुए विवाद के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उस वक्त आश्रम से प्रेग्नेंसी टेस्ट किट सहित भारी मात्रा में हथियार मिले थे।
रामपाल दास की बात करें तो उनका जन्म हरियाणा के सोनीपत के गोहाना तहसील के धनाना गांव में हुआ था पढ़ाई पूरी करने के बाद रामपाल को हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर की नौकरी मिल गई। इसी दौरान इनकी मुलाकात स्वामी रामदेवानंद महाराज से हुई। तब से ये उनके शिष्य बन गए।
उसके बाद उन्होंने 21 मई, 1995 को रामपाल ने 18 साल की नौकरी से इस्तीफा दे दिया और सत्संग करने लगे। उनके अनुयायियों की संख्या बढ़ती चली गई। इसके साथ ही करोंथा गांव में बाबा रामपाल दास महाराज को कमला देवी नाम की एक महिला ने आश्रम के लिए जमीन दे दी। 1999 में बंदी छोड़ ट्रस्ट की मदद से संत रामपाल ने सतलोक आश्रम की नींव रखी।
पंजाब-हरियाणा कोर्ट ने 5 नवंबर को संत रामपाल के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया। वहीं उनको 10 नंवबर को कोर्ट में हाजिर होना था। मगर संत के समर्थकों ने रामपाल को अस्वस्थ बताकर गिरफ्तारी का आदेश मानने से ही इनकार कर दिया। संत रामपाल कोर्ट में पेश नहीं हुए। आपको बता दें इस मामले में हाई कोर्ट ने हरियाणा सरकार और प्रशासन की क्लास भी लगाई थी।