नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कपड़ों और सूट पर कई बार विपक्षी दलों ने निशाना साधा है। प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया है कि पीएम मोदी के निजी कपड़ों पर होनेवाला खर्च पीएम अपनी सैलरी से ही उठाते हैं। इसके लिए सरकारी कार्यालय की तरफ से कोई रकम खर्च नहीं की जाती है। आरटीआई कार्यकर्ता रोहित सब्बरवाल ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी मांगी थी
सब्बरवाल लंबे समय से आरटीआई डालते रहे हैं। इससे पहले उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह के निजी खर्चों से जुड़ी आरटीआई भी डाली थी। सब्बरवाल ने अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल (19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 के बीच) हर साल वाजपेयी के कपड़ों पर होने वाले खर्च का ब्यौरा भी मांगा था। इसी तरह मनमोहन सिंह के कार्यकाल (22 मई 2004 से 26 मई 2014) में सिंह के कपड़ों पर हुए खर्च का भी हिसाब सूचना के अधिकार के जरिए मांगा था।
पीएम नरेंद्र मोदी के पद ग्रहण करने के बाद से अब तक प्रतिवर्ष हुए खर्च का ब्यौरा भी सब्बरवाल ने मांगा। इसके जवाब में प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि पीएम मोदी के वस्त्रों पर होने वाले खर्च का भुगतान सरकारी पैसे से नहीं किया जाता है। पीएम मोदी अपने कपड़ों पर अपने वेतन से ही खर्च करते हैं।
सूचना के अधिकार के तहत इस जवाब के बाद आरटीआई कार्यकर्ता सब्बरवाल ने कहा, ‘बहुत से लोगों को अब तक ऐसा लगता है कि पीएम मोदी के कपड़ों पर सरकारी खजाने से बड़ी रकम खर्च की गई है। आरटीआई से मिली जानकारी से लोगों का यह भ्रम दूर होगा।’ सब्बरवाल ने यह भी कहा कि पीएम के रहन-सहन पर होनेवाले खर्च को लेकर कुछ राजनीतिक दलों खास तौर पर आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल काफी सवाल उठाते रहे हैं। उन आरोपों की सच्चाई जानेन के लिए मैंने 9 दिसंबर 2017 को यह आरटीआई दी थी।