मध्य प्रदेश में जारी किसानों के उग्र आंदोलन के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े किसान संघ के वरिष्ठ नेता ने इसके लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी और राज्य की शिवराज सिंह चौहान सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में RSS समर्थित भारतीय किसान संघ (बीकेएस) ने उपाध्यक्ष प्रभाकर केलकर कहते हैं कि फसलों का कम दाम मिलने से परेशान किसानों को राहत पहुंचाने में केंद्र और राज्य सरकारें पूरी तरह नाकाम रही हैं। केलकर कहते हैं, ‘किसानों में काफी लंबे वक्त से गुस्सा है।हालात कभी भी बिगड़ने वाले थे। सरकार इसे समझ नहीं सकी और अब इस मुद्दे का पूरी तरह से राजनीतिकरण कर दिया गया है।’
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में मंदसौर में अपनी फसलों की कम कीमत से नाराज किसान प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान किसानों का प्रदर्शन उग्र हो गया, जिसें काबू में करने के लिए पुलिस ने फायरिंग कर दी थी, जिसमें छह किसानों की मौत हो गई।
इस घटना पर केलकर कहते हैं, ‘आपने मंदसौर में जो देखा, वह किसानों के एक छोटे से समूह की प्रतिक्रिया भर थी। सरकार (मोदी और शिवराज) ने पिछले तीन वर्षों में किसानों को कई वादे किए। इस दौरान उन्होंने कुछ कदम भी उठाए, मगर जमीन पर उनका फायदा नजर नहीं आता।’
वहीं बीजेपी के किसान मंच के प्रमुख विरेंद्र सिंह मस्त ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को जायज ठहराते हुए कहा कि विरोध प्रदर्शन तो लोकतंत्र का हिस्सा है। भदोही से बीजेपी सांसद के अनुसार प्रशासनिक विफलता के चलते यह विरोध प्रदर्शन उग्र हुआ।
हालांकि बीजेपी ने एक अन्य सांसद और कृषि मामले पर बनी संसदीय समिति के प्रमुख हुकुमदेव नारायण यादव इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका कहना है कि हथियार उठाकर हिंसा, लूटपाट और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वाले किसान नहीं हो सकते। वह कहते हैं, ‘यह किसान आंदोलन नहीं, उग्रवादी आंदोलन है।’
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के मालवा इलाके में बीते 1 जून से किसानों का आंदोलन चल रहा है। इस दौरान मंदसौर में किसानों पर पुलिस फायरिंग के बाद प्रदर्शनकारी और उग्र हो गए। ऐसे में अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान राज्य में शांति बहाली के लिए शनिवार से अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं।