केंद्र सरकार ने रोहिंग्या मुस्लिमों को वापस म्यांमार भेजने के लिए 16 पन्नों का हलफनामा दायर किया है। इस हलफनामे में केंद्र की ओर से भारत में रोहिंग्या समुदाय के प्रवेश पर चिंता जतायी गयी है। केंद्र ने 18 पन्ने के इस हलफनामे में कहा है कि भारत में अवैध प्रवासी रोहिंग्या समुदाय का रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है।
इस हलफानामे में केंद्र ने कहा कि, कुछ रोहिग्या शरणार्थियों के पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों से संपर्क का पता चला है। ऐसे में ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा साबित हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र ने कहा कि कुछ रोहिंग्या हुंडी और हवाला के जरिये पैसों की हेरफेर सहित विभिन्न अवैध व भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए गए। कुछ रोहिंग्या दूसरे लोगों को भारत में प्रवेश दिलाने के लिए जाली पैन कार्ड और वोटर आईडी जैसे भारतीय पहचान पत्र बनाने व हासिल करने तथा मानव तस्करी में भी शामिल पाए गए।
केंद्र ने कोर्ट में कहा, ‘जहां तक रोहिंग्या समुदाय की बात है, उन्होंने बताया है कि म्यांमार और भारत के बीच की सीमा के जरिए वे यहां घुसे। भारत में इस तरह के कुल अवैध प्रवासियों की संख्या लगभग 40,000 से अधिक है।‘