‘पापा कहते है’ एक्ट्रेस मयूरी कांगो तो याद ही होंगी आपको। अब गुड़गांव वाले कह सकते हैं कि “घर से निकलते ही कुछ दूर चलते ही रस्ते में है उसका घर’ जी हाँ पूर्व अभिनेत्री मयूरी कांगो अब गुड़गांव में सेटल हैं।
मयूरी काफी लम्बे वक़्त से बॉलीवुड से गायब हैं। आखिरी बार वो 2009 को फिल्म ‘कुर्बान’ में नज़र आयीं थीं। उनके बाद से वो बॉलीवुड की किसी पार्टी/फंक्शन या इवेंट में नज़र नहीं आयी हैं। दरअसल मयूरी ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया है और वर्तमान में वो गुड़गांव स्थित एक कंपनी में प्रबंध निदेशक के तौर पर काम कर रही हैं।
मयूरी ने 1995 में ‘नसीम’ फिल्म से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी। उसके बाद महेश भट्ट ने उनको ‘पापा कहते हैं’ फिल्म में जुगल हंसराज के अपोजिट साइन किया था।
इसके बाद वह ‘बेताबी’ (1997), “होगी प्यार की जीत” (1999) और”बादल” (2000) में नज़र आयीं।
मयूरी टीवी सीरियल्स ‘डॉलर बहू’, ‘कुसुम’ और करिश्मा- द मिराकल्स ऑफ़ डेस्टिनी’ (2003) में भी नज़र आयीं।
मयूरी कांगो ने 28 दिसंबर 2003 को औरंगाबाद में एक NRI आदित्य ढिल्लों से शादी की और बॉलीवुड से ब्रेक लेकर न्यूयोर्क सेटल हो गयीं।
मयूरी ने वहां से मार्केटिंग और फाइनेंस में MBA किया। उनकी लिंक्ड इन प्रोफाइल के मुताबिक़ वे गुड़गांव, हरियाणा स्थित जेनिथ ऑप्टिमेदिअ में चीफ एनालॉग टू डिजिटल कन्वर्शन अफसर के रूप में कार्यरत हैं।
2011 में मयूरी के जीवन में बेटे का आगमन हुआ।
अपने एक्टिंग करियर के बारे में मयूरी कहती हैं, ” मैंने लगभग 16 फिल्मों में काम किया जिनमें से आधी रिलीज़ ही नहीं हुईं। 1990 अभिनेत्रियों के लिए अच्छा समय नहीं था। उन्हें सिर्फ पेड़ों के इर्द-गिर्द डांस करना होता था। साल 2000 में मैंने टीवी इंडस्ट्री में कदम रखा। उसके कुछ समय बाद मेरी शादी हो गयी और मैं US सेटल हो गयी। ”
मयूरी से पूछने पर कि क्या वे बॉलीवुड में वापस जाना पसंद करेंगी? मयूरी कहती हैं ,” मुझे सेलेब टाइप लाइफ कभी पसंद नहीं थी। मुझे मेरी जॉब पसंद है। हाँ अगर इस शर्त पर कोई मुझे साइन करता है कि मुझे सिर्फ वीक ऑफ में काम करना है तो मैं कर लूंगी। ”
ये पूछने पर कि अभी वे किन बॉलीवुड हस्तियों के संपर्क में हैं, वे बताती है, ” मैं गौरी प्रधान के क्लोज हूँ क्यूंकि हम रूममेट्स थे। इसके अलावा मुकुल देव, अरशद वारसी, श्वेता साल्वे और भी कई लोगों के संपर्क में हूँ। “