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नई दिल्ली, नोटबंदी के बाद से ही देशभर में आम लोग सिक्कों की समस्या से जूझ रहे हैं। उनके पास मौजूद सिक्कों को बैंक लेने से इन्कार कर देती है वहीं बाजार में इन सिक्कों की बाढ़ आई हुई है। आरबीआई के निर्देशों के बावजूद अब भी कई बैंक सिक्के लेने से इन्कार कर रहे हैं।

इसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को आगाह किया है कि ग्राहकों से सभी मूल्य वर्गों के सिक्के स्वीकार किए जाएं। इस निर्देश का उल्लंघन होने पर उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। आरबीआई ने कहा है कि उसके द्वारा बैंक शाखाओं में काउंटरों पर ग्राहकों से सभी मूल्य वर्गों के सिक्के लेने की सलाह दिए जाने के बावजूद शिकायतें आ रही हैं।

इन शिकायतों के अनुसार ग्रहकों से बैंकों में सिक्के स्वीकार किए जाने से इन्कार किया जा रहा है। यही वजह है कि छोटे दुकानदार सिक्के लेने के इन्कार कर रहे हैं। इससे आम लोगों को दिक्कतें हो रही हैं। आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिए हैं कि वे अपनी सभी बैंक शाखाओं को सिक्के लेने के लिए आदेश दें। शाखाओं में सभी सिक्के स्वीकार किए जाए, भले ही वे खाते में जमा किये जा रहे हों या नोट की मांग की जा रही हो।

पहले भी जारी कर चुका है निर्देश

दस रुपये के असली नकली सिक्कों की उहापोह के बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने फिर स्पष्ट किया है कि उसकी तरफ से जारी सभी 14 तरह के सिक्के वैध हैं। आरबीआइ ने सभी बैंकों से कहा है कि वे अपनी शाखाओं को इन्हें स्वीकार करने का निर्देश जारी करें। रिजर्व बैंक ने बुधवार को जारी एक बयान में कहा है कि केंद्रीय बैंक को इस बात की सूचना मिली है कि व्यापारी और जनता दस रुपये के सिक्कों को स्वीकार करने से हिचक रही है।

इस तरह के सिक्कों में असली नकली को लेकर काफी भ्रम पैदा हो गया है। रिजर्व बैंक ने कहा है कि अब तक सरकारी टकसालों से दस रुपये के 14 तरह के सिक्के ढाले और जारी किये गये हैं। ये सभी विभिन्न प्रकार की थीम पर आधारित हैं। 14 तरह के डिजाइन वाले ये सभी सिक्के कानूनी तौर मान्य हैं।