केन्द्रीय रिजर्व बैंक ने देश में कारोबार में तेजी लाने के लिए रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया है। इससे पहले अक्टूबर 2016 में केन्द्रीय बैंक ने रेपो रेट में कटौती की थी।
आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में दो दिन की मौद्रिक समीक्षा में यह फैसला लिया गया। इस कटौती के बाद देश में कर्ज देने के लिए बेस रेट 6 फीसदी पर पहुंच गया है। आरबीआई को अच्छे मानसून से देश में अच्छी पैदावार की उम्मीद बरकरार है जिसके चलते आरबीआई ने ब्याज दरों में कटौती के लिए सही समय माना है।
केन्द्रीय बैंक के मुताबिक 6 सदस्यीय मौद्रीक समिति के 4 सदस्यों ने रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती करने की बात कही। वहीं एक सदस्य ने 50 बेसिस प्वाइंट कटौती करने के लिए अपना वोट दिया।
आरबीआई मौद्रिक नीति समीक्षा से ठीक पहले देश के अग्रणी उद्योग मंडल एसोचैम ने आरबीआई से ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती करने का आग्रह किया है।
जून महीने में खुदरा महंगाई दर 1.54 फीसदी के निचले स्तर पर रही है जबकि मई महीने का औद्योगिक उत्पादन आंकड़ा 1.7 फीसदी रहा है। जून, 2017 में भारत की महंगाई दर घटकर 1.54 फीसदी रह गई। वहीं औद्योगिक उत्पादन आंकड़ों के मुताबिक मई, 2017 में फैक्टरी उत्पादन विकास दर घटकर 1.7 फीसदी रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह आठ फीसदी था।