नई दिल्ली, देश भर में आरक्षण को लेकर जारी विवाद के बीच केन्द्रीय विधि एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद का एक बयान सामने आया है। उन्होंंने शुक्रवार को कहा कि दलित हिंदू, बौद्ध और सिखों को ही आरक्षण का संवैधानिक अधिकार है और इससे इतर धर्म वाले यदि इस तरह का मुद्दा उठाते हैं तो उन्हें पहले बताना होगा कि उनके यहां भी भेदभाव रहा है। प्रसाद ने भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद नित्यानंद राय की उपस्थिति में पार्टी के प्रदेश कार्यालय में कहा कि हिंदुओं में दलितों के साथ भेदभाव की कुरीति रही है इसलिए उनके लिए संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
मोदी सरकार ने एससी-एसटी एक्ट को किया मजबूत
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जो लोग दलित-मुस्लिम की बात कर रहे हैं उन्हें यह पता होना चाहिए कि दूसरे धर्मों के लोगों को यह अधिकार नहीं है। यदि उन्हें यह अधिकार मिला तो यह दलितों की हकमारी होगी। उन्होंने कहा कि दलित मुस्लिमों को हिंदू, बौद्ध और सिख दलित कोट में से ही हिस्सेदारी देनी होगी। प्रसाद ने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) एक्ट को मजबूत करने का काम किया है। एससी-एसटी एक्ट वर्ष 1989 में आया और वर्ष 2015 में जब केन्द्र में नरेन्द्र मोदी की सरकार बनी तो इसमें व्यापक सुधार किया गया। पहले एससी-एसटी के लोगों को कई तरीके से प्रताड़ति किया जाता था लेकिन इस कानून में बदलाव के बाद इसे अपराध की श्रेणी में लाया गया ।