साध्वियों के यौन शोषण मामले में 20 साल जेल की सजा काट रहे डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रहीं हैं। कई अदालतों में उसके खिलाफ करीब आधा दर्जन गंभीर मामले चल रहे हैं। जिनमें सख्त सजा का प्रावधान है, मगर 16 सितंबर यानी शनिवार को हत्या के दो मामलों में अहम सुनवाई डेरा प्रमुख की मुश्किलें और बढ़ा सकती हैं।
ये दोनों मामले पत्रकार छत्रपति और डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत की हत्या से जुड़े हुए हैं। 24 अक्तूबर 2002 को सिरसा के सांध्य दैनिक ‘पूरा सच’ के संपादक रामचन्द्र छत्रपति को उनके घर के बाहर गोलियों से छलनी कर दिया गया था। 21 नवम्बर 2002 को छत्रपति की दिल्ली के अपोलो अस्पताल में मौत हो गई थी।
इस मामले में 10 नवम्बर 2003 को सीबीआई ने डेरा प्रमुख के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी। आरोप है कि रामचन्द्र छत्रपति ने बाबा के खिलाफ अपने अखबार ‘पूरा सच’ में खबर छापी थी। जिसके कारण उनकी हत्या करवा दी गई थी।
दूसरा मामला 10 जुलाई 2002 का है, जब डेरा प्रबंध समिति के सदस्य रहे रणजीत सिंह की हत्या की गई थी। दरअसल, डेरा प्रबंधन को रंजीत सिंह पर साध्वी का पत्र तत्कालीन प्रधानमंत्री तक पहुंचाने का शक था। इन दोनों ही मामलों में 16 सितम्बर 2017 को सीबीआई कोर्ट में सुनवाई होगी। इन दोनों ही मामलों में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को मुख्य साजिशकर्ता के तौर पर सीबीआई ने नामजद किया है।
इन दोनों ही मामलों में पंचकूला की स्पेशल सीबीआई कोर्ट में सुनवाई अंतिम दौर में है। उम्मीद की जा रही है कि 16 सितंबर से इन दोनों मामलों पर अंतिम बहस शुरू हो जाएगी। डेरा सच्चा सौदा के वकील एसके गर्ग के अनुसार गुरमीत राम रहीम को सुनारिया जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश किया जाएगा।
वहीं इस अहम सुनवाई को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने पंचकूला कोर्ट परिसर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। कोर्ट की तरफ जाने वाले रास्तों पर हरियाणा पुलिस के साथ ही साथ पैरामिलिट्री फोर्स को भी तैनात किया गया है। इस अहम सुनवाई के वक्त कानून-व्यवस्था की स्थिति न बिगड़े, इसके लिए कड़े इंतजाम किए गए हैं।