दिल्ली हाई कोर्ट में चल रहे वित्त मंत्री अरुण जेटली के डीडीसीए मानहानि केस में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी ने सोमवार को कई सख्त सवाल पूछे। जेठमलानी ने जेटली से पूछा कि क्या उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह लेने के बाद केस दायर किया, क्या पीएम मोदी को गवाह के तौर पर बुलाया जाए?
हालांकि कोर्ट ने जेठमलानी की इस मांग को खारिज कर दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 मई की तारीख का ऐलान कर दिया है। जेठमलानी ने जेटली से सवाल किया था, ‘क्या जेटली ने पीएम मोदी की सलाह लेने के बाद केजरीवाल के खिलाफ मानहानि का केस दायर किया था? क्या इसके लिए जेटली अपने बचाव में पीएम मोदी को गवाह के तौर पर बुलाना चाहते हैं?’
जेठमलानी के सवालों के बाद अरुण जेटली के वकील ने कहा कि इन सब का इस केस से कोई प्रासंगिकता नहीं है, जिसके बाद संयुक्त रजिस्ट्रार दिपाली शर्मा ने भी पीएम मोदी का नाम इस केस में घसीटने की अनुमति नहीं दी, क्योंकि जेटली ने अपने गवाहों की लिस्ट पहले ही कोर्ट को सौंप दी है।
आपको बता दें कि केजरीवाल और आप नेताओं ने दिल्ली और जिला क्रिकेट संघ यानी डीडीसीए में कथित घोटाले को लेकर अरुण जेटली पर कई गंभीर आरोप लगाए थे, जिसके बाद जेटली ने अरविंद केजरीवाल पर मानहानि का दावा करते हुए 10 करोड़ का मुकदमा ठोक दिया था।
जेटली ने केजरीवाल पर आरोप लगाए हैं कि दिल्ली सीएम ने उनपर डीडीसीए में गड़बड़ी और भ्रष्टाचार के झूठे आरोप लगाए हैं, जिस वजह से उनकी मानहानि हुई है। जेटली ने यह भी कहा है कि केजरीवाल ने उनकी पत्नी और बेटी के नाम पर फर्जी कंपनियां होने की भी बात कही है।