राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद एक दिन के दौरे पर लेह पहुंच गए हैं। सेना के कार्यक्रम में लेह पहुंचे राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया। सीमा पर चीन की चालबाजी के बीच राष्ट्रपति कोविंद का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। राष्ट्रपति के अलावा लद्दाख में एक दिन पहले से ही सेना प्रमुख भी डटे हुए हैं। राष्ट्रपति और देश के सर्वोच्च सेनापति का चीन बॉर्डर पर होना चीन को साफ संकेत है कि कायदे में रहोगे तो फायदे में रहोगे।
सेना और स्थानीय प्रशासन ने राष्ट्रपति की यात्रा को लेकर काफी तैयारियां की हैं। राष्ट्रपति ने सोमवार सुबह वायुसेना के विमान से लेह में एयरफोर्स स्टेशन पर लैंड किया, उसके बाद राष्ट्रपति कोविंद सेना की लद्दाख स्कॉट में जाएंगे।
वहां पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ राष्ट्रपति लद्दाख स्कॉउट को ध्वज प्रदान करेंगे। इसके अलावा राष्ट्रपति सेना के जवानों के साथ चाय भी पीएंगे। राष्ट्रपति कोविंद का लेह का एक दिन का ही कार्यक्रम होगा, मगर सर्वोच्च कमांडर की यह यात्रा ड्रैगन को साफ संदेश देने के लिए काफी है। डोकलाम में सैन्य तनाव और 15 अगस्त को पेंयोग झील में चीनी सेना की घुसपैठ के बीच रविवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत भी तीन दिन के दौरे पर लेह पहुंचे हैं।
एक दिन के इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति महाबोधि विश्वविद्यालय में छात्रों को सम्बोधित भी करेंगे। राष्ट्रपति के स्वागत के लिए राज्य के राज्यपाल एन. एन. वोहरा और मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी मौजूद होंगी।
राष्ट्रपति बनने के बाद रामनाथ कोविंद का यह पहला दौरा है। इस दौरान सोमवार को राष्ट्रपति कोविंद लेह में सेना की यूनिट लद्दाख स्कॉउट को अपना फ्लैग प्रदान करेंगे। सेना की किसी भी यूनिट को प्रेजिडेंट फ्लैग मिलना काफी गर्व की बात होती है। लद्दाख स्काउट काफी लंबे समय से चीन सरहद पर निगरानी की अहम जिम्मेदारी निभा रही है। सेना की यह यूनिट स्थायी तौर पर लेह में ही मौजूद रहती है।
लेह पहुंचकर सेना प्रमुख और राष्ट्रपति कोविंद ने ताजा हालात की जानकारी ली। उन्होंने लेह में मौजूद सेना की 14वीं कोर के टॉप कमांडर्स के साथ सरहद पर चीन के साथ तनातनी और और राणनीति पर चर्चा भी की। इसके अलावा आर्मी चीफ ने तीनों सेनाओं के सर्वोच्च कमांडर यानी राष्ट्रपति की यात्रा की तैयारियों का भी जायजा लिया। जनरल बिपिन रावत ने सेना के लोकल कमांडरों से चीनी सरहद पर मुस्तैदी बढ़ाने के लिए कहा और इसके साथ ही उनका हौसला भी बढ़ाया। इसके अलावा सेना प्रमुख आईटीबीपी के अधिकारियों और दूसरे अहम अधिकारियों से भी मुलाकात करेंगे।