लखनऊ

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की हलचल फिर से एक बार तेज हो गई है। विश्व हिंदू परिषद (VHP) का दावा है कि अयोध्या में दो ट्रक पत्थरों को पहुंचाया जा चुका है। 26 जुलाई को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अयोध्या जाएंगे। केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार होने से विश्व हिंदू परिषद को यकीन है कि अब मंदिर निर्माण में कोई बाधा नहीं है। अब इन पत्थरों को तराशने का काम किया जाएगा।

VHP ने ऐलान किया है कि एक साल के अंदर मंदिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। VHP के वरिष्ठ नेता त्रिलोकी नाथ पांडे ने बताया कि सोमवार को राजस्थान के भरतपुर से पत्थरों से लदे दो ट्रक अयोध्या पहुंच चुके हैं। इनका इस्तेमाल राम मंदिर निर्माण में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पूरे राम मंदिर के निर्माण में 100 से ज्यादा पत्थरों की जरूरत होगी। इन ट्रकों से पत्थरों को अयोध्या स्थित विश्व हिंदू परिषद के मुख्यालय कारसेवक पुरम में उतारा गया।

पत्थरों की बाकी खेप भी अलगे दो दिन में पहुंचेगी। पांडे ने जोर देकर कहा कि सूबे में अब बीजेपी की सरकार है। ऐसे में मंदिर निर्माण की राह में कोई बाधा नहीं है। इससे पहले 2015 में इसी तरह राम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश से पत्थर लाने की कोशिश विफल हो गई थी। कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के फॉर्म 39 के प्रावधान का बिना पालन किए पत्थर लदे दो ट्रक पहुंचे थे, जिस पर तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने रोक लगा दी थी।

पांडे ने बताया कि एक महीने पहले कॉमर्शियल टैक्स डिपार्टमेंट के संबंधित अधिकारी से संपर्क किया गया था और उन्होंने फौरन फॉर्म 39 जारी कर दिया। इस बाबत प्रतिक्रिया देते हुए मामले के पक्षकार खालिक अहमद खान ने कहा कि पत्थर लाकर यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि भगवा दल राम मंदिर निर्माण को लेकर गंभीर है। हालांकि इससे सुप्रीम कोर्ट में चल रहा केस प्रभावित नहीं होगा। खान ने कहा, ‘हमें संविधान और सुप्रीम कोर्ट में पूरा विश्वास है।’

वहीं, दिगंबर अखाड़े के महंत सुरेश दास ने कहा कि मैं सोमवार को योगी से छह घंटे के लिए मिला और उन्होंने हमसे कहा है कि तैयार रहें। मंदिर निर्माण जल्द शुरू होगा। यहां तक कि पत्थर आना शुरू हो चुके हैं। बताया जाता है कि मंदिर के निर्माण के लिए दो लाख घन फीट पत्थर की जरूरत है और अब तक सवा लाख टन पत्थर आ चुका है। पत्थरों से भरे दो ट्रक राजस्थान के धौलपुर से आए हैं। ये तब संभव हो सका जब योगी सरकार ने फॉर्म 32 के लिए आदेश दिए। पिछली सरकार ने इसे रोक दिया था। पत्थरों को तराशने का काम जारी है। अन्नु भाई सोनपुरा वहां सुपरवाइजर हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें संकेत मिले हैं कि निर्माण जल्द शुरू होगा इसलिए काम युद्धस्तर पर चल रहा है।

वहीं, लखनऊ यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर रूप रेखा वर्मा का कहना है कि यह कार्य गैर कानूनी है। इससे समुदायिक तनाव बढ़ सकता है और कानून व्यवस्था बिगड़ सकती है। उधर योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे से पहले पत्थर की पहुंचने से यह भी आशंका जताई जा रही है कि कहीं 26 जुलाई से मंदिर निर्माण का कार्य तो शुरू होने वाला नहीं हैं?