नई दिल्लीः पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 11,400 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले की पर्तें धीरे-धीरे खुल रही हैं। सीबीआई के सामने गिरफ्तार बैंक के 3 अधिकारियों ने कई अहम खुलासे किए। आरोपियों ने बताया कि नीरव मोदी के अधिकारियों की पहुंच बैंक के कंप्यूटर सिस्टमों तक थी। यही नहीं उन्होंने बताया कि बैंक अधिकारियों ने नीरव मोदी को सिस्टमों के पासवर्ड तक दिए हुए थे।
मिलता था मोटा कमीशन
शनिवार को सीबीआई ने पीएनबी के रिटायर्ड डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, बैंक के सिंगल विंडो ऑपरेटर मनोज खराट और नीरव मोदी की फर्मों के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता हेमंत भट्ट को गिरफ्तार किया था। विशेष अदालत ने इन तीनों को 14 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया। पीएनबी के अफसरों को नीरव मोदी की कंपनियों को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग देने के लिए अच्छा कमीशन मिलता था और इस कमीशन के लालच में ही उन्होंने यह सब किया।
खुद ही लॉग-इन करते थे कर्मचारी
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि नीरव मोदी की कंपनी के लोगों को वे अपने पासवर्ड देते थे, जिससे नीरव के कर्मचारी स्विफ्ट सिस्टम में लॉग-इन कर लेते थे। इसके बाद नीरव के कर्मचारी जाली स्विफ्ट मैसेज खुद ही भेजते थे। आरोपियों ने यह भी खुलासा किया है कि इस घटना में पीएनबी के 5-6 और कर्मचारी शामिल थे। कर्मचारियों को जो कमीशन की रकम मिलती थी, उसे वे आपस में बांट लेते थे।
SWIFT क्या है?
जब भी किसी बैंक की तरफ से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किया जाता है तो इसकी क्रेडिट ट्रांसफर की जानकारी विदेश में स्थित बैंक को दी जाती है। यह जानकारी स्विफ्ट व्यवस्था के जरिए दी जाती है। यह एक अहम जानकारी होती है, जिसके जरिए बैंक अपनी सहमति और गारंटी देता है। स्विफ्ट की जानकारी देने के लिए बैंक अधिकारी को लॉग इन करना पड़ता है और इसमें गोपनीय जानकारी दर्ज करनी पड़ती है। इसमें अकाउंट नंबर और स्विफ्ट कोड शामिल होता है।