रामल्ला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी ऐतिहासिक यात्रा पर आज फिलिस्तीन पहुंचे। इस दौरान वह राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मिले और फिलिस्तीन लोगों के प्रति भारत के समर्थन को दोहराया। राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने पीएम मोदी को इस दौरान सर्वोच्च सम्मान ग्रैंड कॉलर भी प्रदान किया।
राष्ट्रपति अब्बास ने कहा , ‘‘हम हाल में हुई चीजों पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा करेंगे, हम शांति प्रक्रिया, द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय स्थिति के संबंध में बात करेंगे। क्षेत्र में शांति को बढ़ावा देने के लिए भारत क्या संभावित भूमिका निभा सकता है, इस पर भी चर्चा होगी। इसके अलावा दोनों देशों के मौजूदा संबंधों से इतर विभिन्न आर्थिक पहलुओं पर भी चर्चा होगी।’’
भारतको ‘‘बहुत सम्मानित देश’’ बताते हुए फलस्तीन के 82 वर्षीय राष्ट्रपति ने कहा कि अंतिम समझौते तक पहुंचने के लिए फिलिस्तीन और इस्राइलियों के बीच वार्ता के लिए बहुपक्षीय मंच तैयार करने में भारत बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। अब्बास का कहना है कि मोदी की यह यात्रा क्षेत्र में शांति और स्थिरता का समर्थन करने वाले भारत के चिर-स्थाई रुख को दर्शाती है। मोदी दिवंगत फलस्तीनी नेता यासिर अराफात के मकबरे पर पुष्पचक्र अॢपत कर अपने यात्रा कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। उनके साथ उनके फिलिस्तीन समकक्ष रामी हमदल्ला भी होंगे। इस्राइली मीडिया में इस यात्रा को प्रमुखता से जगह दी गई है। कई खबरों में इस पर नाखुशी जताई गई है। बहुत से इस्राइली अराफात को इस क्षेत्र में कई निर्दोष नागरिकों की हत्या और हिंसा भड़काने के लिए दोषी मानते हैं।
अराफात को श्रद्धांजलि देने के बाद वह मकबरे के पास बने उनके संग्रहालय भी जाएंगे। वह 15 माह पहले बने यासिर अराफात के संग्रहालय में करीब 20 मिनट बिताएंगे। इस संग्रहालय में पूर्व फिलिस्तीन नेता की जीवन गाथा बताई गई है। अराफात संग्रहालय के निदेशक मुहम्मद हलायका के अनुसार, इस संग्रहालय का दौरा करने वाले मोदी पहले प्रधानमंत्री होंगे। इसके बाद राष्ट्रपति अब्बास मोदी की अगवानी करेंगे और दोनों नेता चर्चा करेंगे, द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर करेंगे, संयुक्त संवाददाता सम्मेलन करेंगे और दोपहर का भोजन करेंगे। इसके बाद मोदी अम्मान रवाना हो जाएंगे। वहां से एक दिन बाद मोदी दो दिवसीय यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात जाएंगे।