प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन दिनों इजरायल के दौरे पर हैं। पीएम मोदी मंगलवार को वहां पहुंचे, जहां उनका जोरदार स्वागत हुआ। पीएम मोदी ने यहां इस्राइल के येद वाशेम होलोकॉस्ट स्मारक का दौरा किया और नरसंहार के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अपर्ति की। यह नरसंहार मानवीय इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक है, जिसमें नाजी जर्मनी द्वारा करीब 60 लाख यहूदियों को मार दिया गया था।
प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी इस्राइल के सबसे बड़े होलोकॉस्ट स्मारक पर गए। 1953 में यरूशलम के समीप माउंट आफ रिमेम्बरेंस में येद वाशेम को एक संगठन के तौर पर शुरू किया था, जो भावी पीढ़ियों के लिए एक संदर्भ की तरह था। जहां होलोकॉस्ट के पीड़ितों की स्मृतियों और यहूदी लोगों के इतिहास को सुरक्षित रखा गया है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने ट्वीट किया कि मैंने पीएम मोदी से इस स्मारक पर चलने का आग्रह किया और उन्होंने मेरी बात मानते हुए एक दम हां की और हम वहां गए।
I proposed to PM @narendramodi that we visit the grave of the visionary of our state, Theodor Herzl. He responded immediately and we went. pic.twitter.com/nj16QIuOU7
— Benjamin Netanyahu (@netanyahu) July 4, 2017
यह स्मारक 4200 वर्गमीटर क्षेत्र में मुख्य रूप से भूमिगत है, जहां मूल कलाकृतियों के जरिए पीड़ितों के अनुभवों, जीवित बचे लोगों की गवाही और निजी वस्तुओं को रखा गया है। नए येद वाशेम को 2005 में खोला गया था। इस संग्रहालय में आगे जाकर हॉल आफ नेम्स है, जहां नरसंहार के 30 लाख पीड़ितों के नामों को पेश किया गया है। ये नाम उनके परिवारों और रिश्तेदारों ने सौंपे थे।
नरसंहार में एडोल्फ हिटलर के नाजी जर्मनी द्वारा करीब 60 लाख लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया था, जिसमें करीब पंद्रह लाख बच्चे थे। हालांकि यहूदियों के खात्मे की शुरूआत 1933 में हो गयी थी, मगर चार साल से अधिक समय के द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान एक साथ बड़े पैमाने पर यहूदियों को खत्म कर दिया गया।