प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेने चीन पहुंच चुके हैं। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीएम मोदी का औपचारिक स्वागत किया। आपको बता दें कि ये ब्रिक्स का 9वां सम्मेलन है। ब्रिक्स में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका देश शामिल हैं।
UPDATES-
- शी जिनपिंग ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय स्थिति में हमारे बीच मतभेदों के बावजूद हम पांचों देश विकास के क्षेत्र में समान स्टेज पर हैं। हम सभी देशों को एक ही आवाज में सभी की समस्याओं को लेकर बोलना चाहिए, ताकि विश्व में शांति और विकास आगे बढ़ सके।
Despite our differences in national conditions, our 5 countries are in similar stage of dvlpmnt and share same development cause: Xi Jinping pic.twitter.com/2pkxxLlc6a
— ANI (@ANI) September 4, 2017
- बैठक के दौरान चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि मौजूदा समय में दुनिया के हालात को देखते हुए, ब्रिक्स देशों की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है।
As the world undergoes profound changes, BRICS cooperation has become more important:Chinese President Xi Jinping pic.twitter.com/4DE33GSqAw
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China: BRICS plenary session begins in Xiamen, leaders attend #BRICSSummit pic.twitter.com/tBhcoATJk4
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BRICS leaders at the Summit in Xiamen. pic.twitter.com/QBhB2fdY3O
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यह सम्मेलन चीन के श्यामन में हो रहा है। इस दौरान मेजबान राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकोब जूमा का औपचारिक स्वागत किया। इस दौरान पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच खासी गर्मजोशी देखने को मिली।
#WATCH: Chinese President Xi Jinping welcomed Prime Minister Narendra Modi at the International Conference Center in Xiamen #BRICSSummit pic.twitter.com/LROnlBf2xY
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इस सम्मेलन में उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम टेस्ट के मुद्दे के छाए रहने की संभावना है। भारत समेत ब्रिक्स के सभी सदस्य देशों ने उत्तर कोरिया के हाइड्रोजन बम परीक्षण का कड़ा विरोध किया है।
चीनी राष्ट्रपति ने सदस्य देशों को मतभेद दूर करने की दी सलाह-
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि ब्रिक्स देशों को ‘ज्वलंत मुद्दों’ के समाधान में कूटनीतिक मूल्यों को बनाए रखना चाहिए। शी ने हाल ही में भारत के साथ डोकलाम में हुए गतिरोध का सीधे उल्लेख नहीं किया, मगर कहा कि मुद्दों के हल का आधार ‘शांति और विकास’ होना चाहिए क्योंकि विश्व ‘संघर्ष और टकराव’ नहीं चाहता है। उन्होंने कहा कि, ‘हम ब्रिक्स देशों को वैश्विक शांति और स्थायित्व बरकरार रखने की हमें अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए।’
डोकलाम विवाद के बाद मोदी की जिनपिंग से मुलाकात-
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी डोकलाम विवाद के बाद पहली बार चीनी राष्ट्रपति से मिलेंगे। कल यानी 5 सितंबर को दोनों नेताओं की अलग से मुलाकात भी तय है। मोदी से मिलने से पहले चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सकारात्मक संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि ब्रिक्स देशों को साझा और मजबूत सुरक्षा पर आधारित वैश्विक शांति और स्थिरता को बरकरार रखना चाहिए।
द्विपक्षीय बैठकें करने का मौका-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्राजील-रूस-भारत-चीन-दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) सम्मेलन में भाग लेने के लिए ऐसे समय में पहुंचे हैं, जब कुछ ही दिन पहले भारत और चीन के बीच डोकलाम मामले पर 73 दिनों से जारी गतिरोध समाप्त हुआ है और दोनों देशों ने अपनी सेनाएं डोकलाम से हटाने पर सहमति जताई है। मोदी ने ब्रिक्स पर कहा कि उनके पास ब्रिक्स सम्मेलन के इतर नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करने का मौका है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत ब्रिक्स की भूमिका को बहुत महत्व देता है, जिसने प्रगति और शांति के लिए अपनी साझेदारी का दूसरा दशक शुरू किया है। विश्व में शांति और सुरक्षा को बनाए रखने, वैश्विक चुनौतियों से निपटने में ब्रिक्स की महत्वपूर्ण भूमिका है।’ मोदी ने कहा कि पांच सितंबर को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी में होने वाली ‘ब्रिक्स इमर्जिंग मार्केट एंड डेवलपिंग कंट्री डायलाग’ में वह ब्रिक्स के साझेदारों समेत नौ अन्य देशों के नेताओं के साथ बातचीत को लेकर काफी उत्सुक हैं। उन्होंने बताया कि,‘हम ब्रिक्स बिजनेस परिषद के साथ भी रूबरू होंगे।’