पटना, रांची की सीबीआइ कोर्ट में हुई चारा घोटाला मामले के तीसरे केस में आज राजद सुप्रीमो लालू यादव एक बार फिर दोषी करार दिए गए और उन्हें पांच साल की सश्रम सजा के साथ ही दस लाख का जुर्माना भी लगाया गया है।
जब लालू को इस केस में दोषी करार दिया गया तो राजद ने इसे साजिश करार दिया और उसके बाद बिहार की राजनीति में एक बार फिर बवाल मच गया है, जमकर आरोप-प्रत्यारोप चल रहे हैं। जहां एक ओर राजद का कहना है कि वो इसके खिलाफ अब उपरि अदालत में जाएंगे तो वहीं भाजपा और जदयू ने इसपर जमकर तंज कसा है।
तेजस्वी यादव, रघुवंश प्रसाद सिंह और शक्ति सिंह यादव ने एक ओर जहां भाजपा और जदयू पर आरोप लगाया है और कहा है कि सबने मिलकर लालू को फंसाया है। इन सबका कहना है कि एनडीए चाहती है कि हर हाल में लोकसभा चुनाव के साथ ही बिहार विधानसभा का भी चुनाव हो जाए तब तक लालू को तमाम तरह के आरोप लगाकर जेल में बंद रखो।
हाईकोर्ट में करेंगे अपील
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की जनता लालू जी को अपना हीरो मानती है, जनता के लिए लालू आरोपी नहीं है. हम इस मामले को आगे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट भी ले जाएंगे. नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि लालू को फंसाने की साजिश हुई है, नीतीश की कैबिनेट में भी कई दागी बैठे हैं. नीतीश कुमार बार-बार दिल्ली इसलिए जाते हैं कि वह लालू को फंसाने की साजिश रच सके. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार 2018 में ही चुनाव करवाना चाहते हैं.
क्या है चाईबासा कोषागार का मामला?
चाईबासा कोषागार से 1992-93 में 67 फर्जी आवंटन पत्र के आधार पर 33.67 करोड़ रुपए की अवैध निकासी की गई थी. इसमें साल 1996 में केस दर्ज हुआ था. इस मामले में कुल 76 आरोपी थे, जिनमें लालू प्रसाद और डॉ. जगन्नाथ मिश्रा के नाम भी शामिल हैं.
हालांकि सुनवाई के दौरान 14 आरोपियों का निधन हो चुका है. दो आरोपियों सुशील कुमार झा और प्रमोद कुमार जायसवाल ने अपना जुर्म कबूल लिया, जबकि तीन आरोपियों दीपेश चांडक, आरके दास और शैलेश प्रसाद सिंह को सरकारी गवाह बना दिया गया है.
डे-टू-डे बेसिस पर हो रही है सुनवाई
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई कोर्ट चारा घोटाले की सुनवाई डे-टू-डे बेसिस पर कर रही है. झारखंड में चारा घोटाले में लालू यादव पर पांच मुकदमे दर्ज थे, जिनमें से दो पर सजा का ऐलान हो चुका है.
देवघर कोषागार से फर्जीवाड़ा करके अवैध ढंग से धन निकालने के इस मामले में लालू प्रसाद यादव एवं अन्य के खिलाफ सीबीआई ने आपराधिक षड्यन्त्र, गबन, फर्जीवाड़ा, साक्ष्य छिपाने, पद के दुरुपयोग आदि से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धाराओं 120बी, 409, 418, 420, 467, 468, 471, 477ए, 201, 511 के साथ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत मामला दर्ज किया था.