प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पतंजलि योगपीठ के अनूठे आयुर्वेदिक रिसर्च सेंटर का उद्घाटन किया। इस रिसर्च सेंटर पर 200 करोड़ रुपए की लागत आई है। 200 करोड़ की लागत से बने इस पतंजलि अनुसंधान संस्थान व हर्बल पार्क को बनने में दो साल लगे हैं। इस मौके पर बाबा रामदेव ने मोदी को राष्ट्र ऋषि के तौर पर सम्मान किया। इससे पहले उत्तराखंड दौरे पर मोदी ने सुबह बाबा केदारनाथ के दर्शन किए।
इस इंस्टीट्यूट में जड़ी-बूटियों पर रिसर्च होगा और फिर उनसे आयुर्वेदिक औषधियां तैयार की जाएंगी। इन आयुर्वेदिक दवाओं को बेहद वैज्ञानिक तरीके से तैयार किया जाएगा। यहां अत्याधुनिक मशीनों के जरिये आयुर्वेदिक दवाओं का उत्पादन किया जाएगा। शोध कार्य के लिए आधुनिक मशीनें मंगाई गई हैं।
पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट में कैंसर जैसी खतरनाक और जानलेवा बीमारियों का इलाज करने वाली प्राकृतिक आयुर्वेदिक दवाएं तैयार की जाएंगी।
इस इंस्ट्यूट में वर्ल्ड लेवल की 8 लैब्स हैं। इनमें एक साथ विभिन्न बीमारियों के इलाज पर शोध कार्य किया जा सकता है। भविष्य में आवश्यकतानुसार इनके विस्तार की भी योजना है. शोध उपयोग किए जाने वाले प्राणियों के लिए संस्थान में अलग से एनिमल हाऊस का भी निर्माण कराया गया है।
बाबा रामदेव ने अपने हर्बल पार्क में ही जड़ी-बूटियों के पौधे लगा रखे हैं, जिससे दवाएं तैयार की जाएंगी। इन दवाओं को सबसे पहले प्रयोगशाला में टेस्ट किया जाएगा और उसके बाद अलग-अलग जानवरों पर इन दवाओं का प्रयोग कर देखा जाएगा. सफलता मिलने पर इसे आसपास के लोगों को लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।