इस्लामाबाद, काले हिरण का शिकार करने के तकरीबन दो दशक पुराने मामले में गुरुवार (5 अप्रैल) को जोधपुर की एक अदालत ने बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान को दोषी ठहराते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई है। इस फैसले की गूंज पाकिस्तान तक पहुंच गई है। पड़ोसी देश के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अदालत के इस फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने इसे भेदभाव वाला करार दिया है। उन्होंने पाकिस्तानी टीवी चैनल ‘जियो न्यूज’ के एक कार्यक्रम में कहा, ‘अल्पसंख्यक होने के कारण सलमान खान को सजा दी गई है। यदि वह भारत में सत्तारूढ़ दल के धर्म (हिंदू) से ताल्लुक रखते तो शायद उन्हें इतनी कठोर सजा नहीं दी जाती। ऐसे में उनके प्रति कोर्ट का रवैया लचीला हो सकता था। बीस साल पुराने मामले में उन्हें सजा देने से यह स्पष्ट होता है कि भारत में मुस्लिम समुदाय को अछूत समझा जाता है। ईसाइयों को भी ज्यादा तवज्जो नहीं दी जाती है।’
इस पर लोगों ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई। कुछ लोगों ने टि्वटर पर ख्वाजा आसिफ से पूछा कि सैफ अली खान और तब्बू क्या हिंदू हैं? बता दें कि पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई जैसे अल्पसंख्यक समुदायों की आबादी लगातार कम होती जा रही है। पाकिस्तान में हिंदुओं का जबरन धर्मांतरण कराना बेहद आम बात है। इस मामले में सरकार और स्थानीय प्रशासन का रवैया बेहद लचर रहता है। हिंदू समुदाय पर अत्याचार की घटनाएं भी होती रहती हैं। मानवाधिकार संस्थाओं द्वारा इस बाबत चिंता जताने के बावजूद पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
काला हिरण शिकार मामले में दोषी फिल्म अभिनेता सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाने के साथ ही कोर्ट ने उन पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। पांच साल की सजा होने के कारण उन्हें जमानत नहीं मिल सकी और फैसले के तुरंत बाद अभिनेता को जोधपुर जेल भेज दिया गया। सलमान के वकील ने जोधपुर सेशन कोर्ट में जमानत की याचिका दायर कर दी है, जिस पर शुक्रवार (6 अप्रैल) को सुनवाई होगी। वहीं, सबूतों के अभाव में अन्य पांच आरोपियों को बरी कर दिया गया। सजा के समय सलमान खान की दोनों बहनें अर्पिता और अलवीरा भी अदालत में उनके साथ मौजूद थीं। सजा मिलते ही दोनों बहनें रो पड़ीं। कोर्ट में सजा पर बहस के दौरान सलमान के वकील ने कोर्ट से कहा था कि उनके मुवक्किल को कम से कम सजा दी जाए। लेकिन, लोक अभियोजक ने सलमान खान के लिए 6 साल की सजा की मांग की थी।