इस्लामाबाद, पाकिस्तान और अमेरिका रिश्तों में आई तनातनी बढ़ती ही जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की लताड़ और फिर 1624 करोड़ रुपये की सैन्य मदद रोके जाने से बौखलाए पाकिस्तान ने अब अमेरिका के साथ सभी तरह के खुफिया और सुरक्षा सहयोग को सस्पेंड किए जाने का दावा किया है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर खान ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी। हालांकि यह साफ नहीं हो सका है कि मंत्री का बयान सरकार का आधिकारिक स्टैंड है या नहीं, क्योंकि अमेरिकी इस दावे को गलत बता रहा है।
पाकिस्तान के अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक, रक्षा मंत्री खुर्रम दस्तगीर ने मंगलवार को कहा कि अब अमेरिका से साफ बात करने का वक्त आ गया है, जो पाकिस्तान को आतंकवादियों की पनाहगाह बता रहा है। इस्लामाबाद में इंस्टिट्यूट ऑफ स्ट्रैटिजिक स्टडीज के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘अमेरिका के साथ खुफिया और सुरक्षा सहयोग काफी बड़े पैमाने पर होता है, जिसे सस्पेंड कर दिया गया है। अमेरिका की ओर से सैन्य मदद रोके जाने की हमारे लिए कोई अहमियत नहीं है। अमेरिका पिछले 15 सालों में करोड़ों डॉलर खर्च करने के बाद भी अफगानिस्तान में लड़ाई नहीं जीत पाया और सिर्फ 40 फीसदी हिस्सा पर ही नियंत्रण कर सका है। पाकिस्तान की भूमिका पर उंगली उठाने से पहले अमेरिका को बाकी बचे अशासित हिस्से के बारे में सोचना होगा।’ उन्होने कहा कि अफगानिस्तान में हार के लिए अमेरिका पाकिस्तान को बलि का बकरा बना रहा है।
खुर्रम के आगे कहा, ‘पाकिस्तान अपने त्याग की कोई कीमत नहीं लगाना चाहता, लेकिन चाहता है कि उसे मान्यता दी जाए।’ उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान इस बात की इजाजत नहीं देगा कि अफगानिस्तान की लड़ाई पाकिस्तान की जमीन पर लड़ी जाए। हालांकि खान ने यह साफ नहीं किया कि खुफिया सहयोग रोके जाने की बात को आधिकारिक तौर अमेरिका तक पहुंचाया गया है या नहीं। पाकिस्तान में अमेरिकी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी पाकिस्तान की ओर से नही दी गई है।
बता दें कि नए साल के पहले दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका ने पाकिस्तान को पिछले 15 वर्षों में 33 अरब डॉलर की मदद दी और इसके बदले में उसे झूठ और छल मिला। इसके बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली करीब 2 अरब डॉलर की सुरक्षा मदद पर रोक लगा दी थी। ट्रंप प्रशासन ने साफ कर दिया कि अब आतंकवाद पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके बाद से ही दोनों देशों में बीच तनातनी और बयानबाजी का दौर जारी है।