पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका का बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि,’हमने अपने हिस्से का काम किया है।’ देश आतंकवाद से लड़ाई में पर्याप्त कदम नहीं उठाए जाने के लिए आलोचना का सामना कर रहा है। इसके अलावा उन्होंने एक बार फिर कश्मीर राग गाया है। उन्होंने कहा कि- कश्मीर का समाधान बातचीत से करना चाहिए।
बाजवा ने क्या कहा?
बाजवा ने जनरल मुख्यालय में रक्षा दिवस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान ने अनगिनत बलिदान दिए हैं, मगर हमे बताया जा रहा है कि हमने पर्याप्त कदम नहीं उठाए हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘हमने अपने हिस्से का काम किया है। हमें और कुछ करने के लिए कहने के बजाय दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ और काम करना चाहिए।’ उन्होंने सफल सैन्य अभियान चलाकर आतंकवाद के खिलाफ मिली पाकिस्तान की सफलता को भी रेखांकित किया है।
बाजवा ने कश्मीर का राग अलपाते हुए कहा कि पाकिस्तान को बदनाम करने के बजाये भारत को कश्मीर मुद्दे का समाधान राजनीतिक और कूटनीतिक माध्यमों से करना चाहिए। रावलपिंडी में बीती रात रक्षा दिवस के मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए बाजवा ने कहा कि दक्षिण एशिया को समृद्धि के लिए शांति की जरूरत है। भारत को शांति को एक मौका देना चाहिए।
सेना प्रमुख ने आगे कहा कि, ‘यह भारत के हित में है, कश्मीर मुद्दे के स्थायी समाधान के लिए उसे कश्मीरियों के खिलाफ गोलियों का इस्तेमाल और पाकिस्तान को बदनाम करने के बजाए राजनीतिक और कूटनीतिक प्रक्रिया को तरजीह देनी चाहिए।’ बाजवा ने कहा कि पाकिस्तान बातचीत के जरिए कश्मीर मुद्दे का समाधान चाहता है।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कश्मीरियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव के अनुरूप उनके आत्म निर्णय के अधिकार में मदद के लिये, राजनीतिक, नैतिक और कूटनीतिक समर्थन देता रहेगा। पाक सेना प्रमुख ने कहा है कि उनका देश एक जिम्मेदार परमाणु राष्ट्र है। पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ है। हम युद्ध और आतंकवाद के खिलाफ हैं। हम परस्पर सम्मान और बराबरी के आधार पर सभी देशों से रिश्ता बनाना चाहते हैं।