नई दिल्ली, 29 मई 2021
दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कथित जमाखोरी के एक मामले में गिरफ्तार कारोबारी नवनीत कालरा को जमानत दे दी। न्यायाधीश अरुण कुमार गर्ग ने कालरा को निर्देश दिया कि वह किसी ऐसे व्यक्ति से संपर्क न करें, जिसे उसने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेचे हों। दिल्ली पुलिस ने अदालत में कालरा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि उसका इरादा कमजोर स्थिति में लोगों को धोखा देना और लाभ कमाना था। अदालत ने जमानत देते हुए उस पर तीन शर्तें लगाईं, वह मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ नहीं करेगा, गवाहों को प्रभावित करने का कोई प्रयास नहीं करेगा और जब भी आवश्यकता होगी वह जांच में शामिल होगा।
कालरा को 1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी गई। इतनी ही राशि की दो जमानतें। पुलिस ने चिकित्सा उपकरण टेस्टिंग प्रयोगशाला की रिपोर्ट का हवाला दिया और तर्क दिया कि जब्त ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बेकार थे और वास्तव में इसका उपयोग करने वालों के लिए हानिकारक थे।
अदालत ने इससे पहले मामले में कालरा की पांच दिन की पुलिस हिरासत की मांग वाली दिल्ली पुलिस की याचिका खारिज कर दी थी।
कालरा तीन रेस्तरां – खान चाचा, टाउन हॉल, और नेगे एंड जू – से 524 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर जब्त करने के बाद भाग गया था, लेकिन बाद में उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। मैट्रिक्स सेल्युलर कंपनी के सीईओ और उपाध्यक्ष समेत चार कर्मचारियों को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया था। कालरा ने मैट्रिक्स सेल्युलर से ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदे जो उन्हें आयात करता था।
5 मई को कालरा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 188 (लोक सेवक द्वारा विधिवत आदेश की अवज्ञा), 120-बी (आपराधिक साजिश) और 34 (सामान्य इरादा) के तहत मामला दर्ज किया गया था। आवश्यक वस्तु अधिनियम और महामारी रोग अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया गया था।