हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने 19 जून तक पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति के लखनऊ स्थित अवैध आशियाने को ढहाने और इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एलडीए से कहा कि इस मामले में वह दोषी अधिकारियों के खिलाफ एक्शन ले।

समाजवादी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति का लखनऊ के सालेह नगर में अवैध निर्माण है, जिसे 23 मई को ही एलडीए के न्यायिक प्राधिकरण ने ध्वस्त करने का आदेश दिया था, मगर गायत्री प्रजापति के बेटे अनुराग ने इस आदेश को कमिश्नर के यहां चुनौती दे दी थी। हालांकि राहत नहीं मिली, तो उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की थी।

अब हाईकोर्ट ने भी फैसला देते हुए इस निर्माण को ध्वस्त करने के आदेश दे दिए हैं। दरअसल, गायत्री प्रजापति के इस आवासीय प्लॉट पर कॉमर्शियल निर्माण चल रहा था, मगर मंत्री के रसूख की वजह से इंजीनियर अधिकारी अपनी आंखें मूंदे रखे थे। बताया जा रहा है कि हर महीने इंजीनियर और अधिकारी इस अवैध निर्माण से अच्छी-खासी वसूली भी कर रहे थे। गायत्री प्रजापति का यह आशियाना एलडीए के नाक के नीचे बन रहा था, मगर अब यह जल्द ही ज़मींदोज़ हो जाएगा।

लखनऊ शहर में यदि आंकड़ों को देखें तो तकरीबन 10 हजार इमारतों का नक्शा पास नहीं है। इसके साथ ही करीब 20 हजार घरों का नक्शा और निर्माण में बहुत अंतर है। पिछले पांच सालों में सिर्फ 500 निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश दिया गया है, जबकि तामील होने वालों की संख्या बेहद कम रही।