राष्ट्रपति चुनाव की तारीख जैसे-जैसे पास आ रही है वैसे ही वैसे राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने बीजेपी को घेरने और चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी खड़ा करने के लिए कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकातें करने की शुरू कर दी हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सबसे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की। माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी सोनिया गांधी से मुलाकात की।
सूत्रों के मुताबिक येचुरी और सोनिया गांधी ने ऐसा उम्मीदवार खड़ा करने की संभावना पर चर्चा की है, जो कि सभी धर्मनिरपेक्ष विपक्षी पार्टियों को मंजूर हो। सोनिया ने इस संबंध में माकपा नेता के सुझाव पर सकारात्मक जवाब दिया। उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा का मुकाबला करने के लिए क्षेत्रीय पार्टियों से एकजुट होने की अपील की है।
आरजेड़ी प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी घोषणा कर दी है कि वे इसी मामले में जल्द ही सोनिया गांधी से मिलेंगे। लालू प्रसाद यादव तो पहले ही “महागठबंधन” के बारे में कह चुके हैं कि सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए वे एकजुट होना चाहते हैं और सभी को एक मंच पर आना चाहिए।
लालू ने विपक्षी दलों के व्यापक गठबंधन पर बल दिया है। उन्होंने कहा कि जब कभी भी सामाजिक न्याय या क्षेत्रीय राजनीतिक दल एक साथ आए हैं, हमें तब-तब जीत मिली है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि सांप्रदायिक और फासीवादी बलों को हराने के लिए मायावती, कांग्रेस, ममता बनर्जी, अखिलेश को एक साथ आना चाहिए।
इस वर्ष जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में साझा उम्मीदवार खड़ा करने के लिए विपक्ष मन बना चुका है। राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की कांग्रेस अध्यक्ष से मुलाकात को इस प्रयास की अहम कड़ी माना जा रहा है। आपको बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव जुलाई में होने जा रहे हैं।