गोल्ड कोस्ट.कॉमनवेल्थ गेम्स में शुक्रवार को भारतीय वेटलिफ्टर्स ने दो गोल्ड मेडल जीते। वेटलिफ्टर सतीश कुमार शिवलिंगम ने शनिवार को 77 किग्रा कैटेगरी में गोल्ड जीता। उधर, 85 किग्रा कैटेगिरी में वेंकट राहुल रागला ने भी भारत को सोना दिलाया। राहुल मां की बीमारी की वजह से रियो ओलंपिक में दावेदारी नहीं कर पाए थे। गोल्ड कोस्ट में भारत को अब तक 4 स्वर्ण पदक मिल चुके हैं। बता दें कि भारत पहली बार 1934 में शामिल हुआ था। इस तरह 84 साल में भारत वेटलिफ्टिंग में अब तक 42 गोल्ड जीत चुका है।
सतीश ने कुल 317 किग्रा वजन उठाया
– 25 साल के सतीश ने स्नैच के पहली कोशिश में 136, दूसरी में 140 और तीसरी में 144 किग्रा का वजन उठाया। क्लीन एंड जर्क में पहली कोशिश में 169 और दूसरी में 173 किग्रा का वजन उठाया। इसके साथ ही उनका गोल्ड पक्का हो गया। इसलिए उन्होंने तीसरी कोशिश नहीं की।
– सतीश ने 2014 ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में इसी कैटेगरी (77 किग्रा) में गोल्ड जीता था। उन्होंने तब 328 (स्नैच में 149 और क्लीन एंड जर्क में 179) किग्रा का वजन उठाया था।
– 2016 रियो ओलिंपिक में वह 11वें स्थान पर रहे थे। रियो में उन्होंने 329 (स्नैच में 148 और क्लीन एंड जर्क में 181) किग्रा का वजन उठाया था।
जैक ने सतीश से 5 किग्रा कम वजन उठाया
– जैक ओलिवर ने कुल 312 किग्रा वजन उठाया। उन्होंने स्नैच की पहली कोशिश में 141, दूसरी में 145 किग्रा वजन उठाया। तीसरी कोशिश में 148 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गए। क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहली कोशिश में 167 किग्रा वजन उठाया। दूसरी और तीसरी कोशिश में 171 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन दोनों बार फाउल कर गए।
– इसी तरह फ्रांकोइस ने कुल 307 किग्रा वजन उठाया। फ्रांकोइस ने स्नैच की पहली कोशिश में 128, दूसरी में 133 और तीसरी में 136 किग्रा वजन उठाया। क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहली कोशिश में 162 किग्रा वजन उठाया। दूसरी कोशिश में 168 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गए। तीसरी कोशिश में 169 किग्रा का वजन उठाया।
कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में चार बार जीत चुके हैं गोल्ड
– सतीश कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में चार बार 2012, 2013, 2015 और 2017 में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं।
– 2012 में समोआ के आपिया में उन्होंने 297 (स्नैच में 131 और क्लीन एंड जर्क में 166) किग्रा का वजन उठाया था।
– 2013 में मलेशिया के पेनांग में उन्होंने 317 (स्नैच में 142 और क्लीन एंड जर्क में 175) किग्रा का वजन उठाया था।
– 2015 में पुणे में उन्होंने 325 (स्नैच में 150 और क्लीन एंड जर्क में 175) किग्रा का वजन उठाया था।
– 2017 में गोल्ड कोस्ट में उन्होंने 320 (स्नैच में 148 और क्लीन एंड जर्क में 172) किग्रा का वजन उठाया था।
– 2014 अलमाटी (कजाखिस्तान) वर्ल्ड चैम्पियनशिप में वह 22 स्थान पर रहे थे। वहां उन्होंने 317 (स्नैच में 140 और क्लीन एंड जर्क में 177) किग्रा का वजन उठाया था।
– 2015 में अमेरिका के ह्यूस्टन में हुई वर्ल्ड चैम्पियनशिप में उन्होंने स्नैच में 142 किग्रा का वजन उठाया था, लेकिन क्लीन एंड जर्क की तीनों कोशिश में फाउल कर गए थे।
– 2017 में अॅनाहाइम (अमेरिका) वर्ल्ड चैम्पियनशिप में 14वें नंबर पर रहे थे। वहां उन्होंने 328 (स्नैच में 148 और क्लीन एंड जर्क में 180) किग्रा का वजन उठाया था।
सतीश के पिता भी वेटलिफ्टर रहे
– तमिलनाडु के वेल्लोर में जन्मे सतीश सदर्न रेलवे में चेन्नई में सीनियर क्लर्क के पद पर तैनात हैं। उनके पिता सेना से रिटायर हैं। सेना से रिटायर होने के बाद वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में वाचमैन थे। वह भी वेटलिफ्टर रहे हैं।
वेटलिफ्टिंग में एकमबारम करुणाकरन ने दिलाया था देश को पहला गोल्ड
–वेटलिफ्टिंग में भारत के लिए पहली बार गोल्ड एकमबारम करुणाकरन ने जीता था। उन्होंने 1978 एडमोनटन कॉमनवेल्थ गेम्स में फ्लाईवेट ओवरऑल में 205 किग्रा वजन उठाया था। वह तमिलनाडु के तिरुवल्लूर के रहने वाले थे।
अपना बेस्ट करने से चूके वेंकट राहुल
– वेंकट राहुल ने स्नैच की पहली कोशिश में 147 किग्रा वजन उठाया, दूसरी में 151 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गए। तीसरी कोशिश में 151 किग्रा वजन उठाया।
– क्लीन एंड जर्क में पहली कोशिश में 182 और दूसरी में 187 किग्रा वजन उठाया। तीसरी कोशिश में 191 किग्रा ऑप्ट किया, लेकिन फाउल कर गए।
– हालांकि वह अपना बेस्ट यहां नहीं कर सके। पिछले साल कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में उन्होंने 351 किग्रा वजन उठाया था।
351 किग्रा वजन उठाने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय वेटलिफ्टर हैं वेंकट राहुल
– 16 मार्च, 1997 को आंध्र प्रदेश के स्टुअर्टपुरम में जन्में वेंकट राहुल पहली बार तब सुर्खियों में आए थे, जब 2015 में पुणे में हुई कॉमनवेल्थ चैम्पियनशिप में उन्होंने 85 किग्रा कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता था। तब उन्होंने 327 (स्नैच में 146 और क्लीन एंड जर्क में 181) किग्रा वजन उठाया था।
– 2017 में गोल्ड कोस्ट में हुई कॉमंनवेल्थ चैम्पियनशिप में 85 किग्रा कैटेगरी में उन्होंने गोल्ड जीता था। उन्होंने 351 (स्नैच में 156 और क्लीन एंड जर्क में 195) किग्रा वजन उठाया था। इतना वजन उठाने वाले सबसे युवा भारतीय वेटलिफ्टर हैं।
– 2015 में गोल्ड जीतने के बाद वह रियो ओलिंपिक की तैयारियों में जुटे थे, लेकिन मां की तबियत खराब होने के कारण ट्रायल्स नहीं दे पाए।