दिल्ली

दिल्ली के नॉर्थ एमसीडी से मिली जानकारी के अनुसार निगम ने अप्रैल 2016 से लेकर मार्च 2017 तक करीब 2,359 अवैध निर्माण को धारा 343, 344(I) के तहत बुक किया था। इनमें से 1294 के खिलाफ डिमोलिशन ऑर्डर पास किए गए हैं। इसके साथ ही ऐसी ही कई इमारतें भी थीं। जिनमें निर्माण कार्य के दौरान ही उनके अवैध निर्माण की शिकायत सही पाई गई थी। निगम के अनुसार ऐसे लगभग 1,341 अवैध निर्माण को डिमोलिश कर दिया गया है।

निगम के अनुसार कई ऐसी इमारतें भी उत्तरी दिल्ली में मिलीं, जिसमें अवैध निर्माण मिला। मगर उसमें बार-बार नोटिस देने के बाद भी काम नहीं रुका, तो ऐसी ही 320 इमारतों को सील कर दिया गया। वहीं 209 सम्पत्ति मालिकों के खिलाफ धारा 466-A के तहत मामले भी दर्ज किए गए हैं। एमसीडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार डिमोलिशन चार्ज से नार्थ एमसीडी ने करीब 24 लाख 72 हजार रुपये की रकम भी वसूल की है।

विपक्ष ने बताया नाकाफी-
अवैध निर्माणों को गिराने की एमसीडी की कार्रवाई को विपक्ष ने नाकाफी बताया है। सदन में कांग्रेस नेता मुकेश गोयल ने बताया कि जब 1,294 अवैध निर्माण के खिलाफ डिमोलिशन ऑर्डर पास हुए थे, तो केवल 771 अवैध निर्माण ही क्यों गिराए गए। एमसीडी चाहती तो सभी अवैध निर्माणों को गिरा सकती थी, मगर मामला कोर्ट में जाने की वजह से निगम के हाथ बंध गए। जबकि निगम अपने सीएलओ को मोटी रकम देता है, ताकि वो कोर्ट में निगम का पक्ष मजबूती से रख सके।

नार्थ एमसीडी के प्रवक्ता योगेंद्र सिंह मान के अनुसार अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई अभी भी जारी है। बीते तीन महीनों में निगम ने सभी 6 जोनों में 211 अवैध निर्माण को सील किया है और 252 अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई है।