नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब नैशनल बैंक घोटाला मामले की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच कराए जाने तथा मुख्य आरोपी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को लेकर दायर याचिका की सुनवाई 16 मार्च तक के लिए आज टाल दी। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से एटर्नी जनरल ने याचिका का विरोध किया, जिसे लेकर याचिकाकर्ता विनीत ढांडा ने अपनी आपत्ति जताई, परिणामस्वरूप सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों ने उन्हें जमकर फटकार लगाई। अदालत कक्ष में कुछ देर तक हाईवोल्टेज ड्रामा चला।
किसी प्रकार के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं
एटर्नी जनरल ने मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति खानविलकर और न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ से कहा कि केंद्र सरकार इस याचिका का विरोध करती है। इस मामले में फिलहाल किसी प्रकार के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और जांच जारी है। वेणुगोपाल की इस दलील पर ढांडा भड़क उठे और कहा कि सरकार को जवाबदेह बनना चाहिए। अमीर पैसे लेकर भाग रहे हैं जबकि गरीब लोग कर्ज लेकर जीवन के अंतिम समय तक जूझते रहते हैं। ढांडा ने कहा कि न्यायालय को केंद्र सरकार को नोटिस जारी करना चाहिए। इसमें पूरे देश का हित समाहित है। इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वे यहां भाषण सुनने के लिए नहीं बैठे हैं।
कोर्ट ने उठाए कई सवाल
उधर, न्यायमूर्ति खानविलकर ने इस मामले में ढांडा के खुद पेश होने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, आप 16 साल से यहां वकालत कर रहे हैं। तब तो आपको नियम भी मालूम होना चाहिए। इस पर ढांडा ने कहा कि उनकी ओर से आमतौर पर उनके पिताजी जे पी ढांडा पेश होते हैं, लेकिन वह अस्वस्थ हैं। इसी बीच जे पी ढांडा पीछे से प्रकट हुए और उन्होंने नोटिस जारी करने पर जोर दिया, लेकिन न्यायालय ने एक न सुनी और मामले की सुनवाई 16 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी।