उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की निगाहें टेढ़ी हुईं तो उनमें खलबली मच गई। इन खनन माफियाओं पर पिछले काफी समय से कार्रवाई चल रही है। इसी क्रम में राज्य सरकार ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए सहारनपुर के छह खनन कंपनियों के खिलाफ भी धोखाधड़ी की जांच शुरू की है।
वहीं 9 खनन माफियाओं को चिंहित करते हुए इन्हें दो साल के लिए डीबार कर दिया गया है। इतना ही नहीं इन सभी पर 50-50 करोड़ का जुर्माना भी लगाया गया है। चिन्हित खनन माफियाओं के नाम विभाग की बेवसाइट पर भी डाल दिया गया है। इन सभी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है।
सहारनपुर के खनन माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई-
अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने बताया कि यूपी के सहारनपुर जिले के खनन माफियाओं पर बड़ी कार्रवाई के तहत सहारनपुर के मिर्जापुर पोल, तहसील बेहट में अवैध खनन करने वाले मो. इकबाल, महमूद अली, मो. इनाम, महबूब आलम, दिलशाद, पुनीत जैन, मुकेश जैन, अमित जैन और नसीम को काली सूची (ब्लैक लिस्ट) में डाल दिया है। अपर मुख्य सचिव ने बताया कि ये सभी दो साल तक किसी भी तरह खनन से जुड़ी टेंडर या अन्य प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। उन्होंने बताया कि इन सभी खनन माफियाओं पर 50-50 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
छह खनन कंपनियों के खिलाफ धोखाधड़ी की जांच-
अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह ने बताया कि मो. इकबाल की छह कंपनियों के खिलाफ भी जांच चल रही है। इनमें एएमबी बिल्डप्रोप प्राइवेट लिमिटेड, अपार माईन्स मैनेजमेंट सर्विसेट प्राइवेट लिमिटेड, गिरिशों कंपनी प्रा. लि., सनवीव हाउसिंग प्रा. लि. मस्टीफ इंडस्ट्रीज प्रा.लि. का नाम शामिल हैं। खनन माफियाओं और इनकी कंपनियों ने करोड़ों रुपये के राजस्व की चोरी की है। इसकी वसूली के लिए नोटिस भी जारी किया गया है।