दिल्ली : NCLAT (राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण) की कमेटी ने इंटरनेशनल बर्गर मेकर ब्रांड मैकडोनाल्ड्स और उसके साथ से अलग हो चुके इंडियन पार्टनर विक्रम बख्शी को आपस में ही विवाद सुलझाने पर विचार करने को कहा है। न्यायाधिकरण ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 30 अगस्त तय करते हुए मैकडोनाल्ड्स को यह भरोसा दिलाने को कहा कि जब तक आपके आपसी मसले हल नहीं हो जाएंगे तब तक पहले की ही तरह बाकी 169 रेस्टोरेंट को सार्वजानिक रूप से खोला जाये।
मैक्डोनाल्ड के दोनों अहम पक्षों को 30 अगस्त तक इस निष्कर्ष पर पहुंचना है कि वे मसले को आपसी बातचीत से सुलझाना चाहते हैं या फिर कोर्ट को उनके इस मामले में दखल देना मुनासिब होगा। न्यायाधिकरण ने विक्रम बख्शी को चेताया है कि , वह भी इस बात का भरोसा दें कि जब मैकडोनाल्ड्स के कार्यकारी बातचीत के लिए भारत आएंगे तो उनके खिलाफ भारत में दायर आपराधिक मामलों को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा और उनके साथ नरमी से पेश आया जाएगा।
आपको बता दें कि इससे पहले भारत में मैक्डोनाल्ड्स का व्यापार बहुत उम्दा चल रहा था। परन्तु पिछले दिनों मैक्डोनाल्ड और उनके भारतीय साझेदार विक्रम बक्शी के बीच कुछ आपसी अनबन हो गयी थी और तनाव इतना बढ़ गया था कि मैकडोनाल्ड्स ने कनॉट प्लाजा रेस्टोरेंट लिमिटेड सीपीआरएल द्वारा संचालित 169 रेस्टोरेंट के लिए अनुबंध तक रद्द कर दिया था। सीपीआरएल मैकडोनाल्ड्स और बख्शी का संयुक्त उपक्रम है।सीपीआरएल में बक्शी और मैकडोनाल्ड्स इंडिया आधे-आधे हिस्से और मुनाफे में भागीदार हैं। फ्रैंचाइजी समझौता खत्म किए जाने के बाद अब सीपीआरएल को अमेरिकी कंपनी के नाम, उसके व्यावसायिक प्रतीक चिन, डिजाइन और उससे जुड़ी बौद्धिक संपदा का इस्तेमाल करने का अधिकार नहीं रहेगा। ये शर्तें करार खत्म किए जाने के नोटिस के 15 दिन के अंदर लागू हो जाएंगी।गौरतलब है कि बीते एक दशक से अधिक समय से इस भारतीय कंपनी के साथ करार में अमेरिकी कंपनी ने बर्गर और फ्रेंच फ्राइज मार्केट में अपनी अच्छी खासी साख बना ली थी। इस ब्रांड के टक्कर में जहां कोई भारतीय ब्रांड मौजूद नहीं है वहीं मैकडोनाल्ड्स जैसे बड़े ब्रांड के व्यापार का बंद होने का सीधा फायदा अन्य ग्लोबल चेन जैसे बर्गर किंग, वेन्डी इत्यादि को मिल सकता है।