पीएम नरेंद्र मोदी के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले के बाद तमाम पार्टी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कहा कि अगर किसी को भी लगता है कि सरकार ने कृषि कानूनों को बड़प्पन दिखाते हुए निरस्त किया तो यह उसकी गलतफहमी है।
नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने लिए हालात बिगड़ते देख प्रतिक्रिया देती है। इसलिए तीनों कृषि कानूनों पर फैसला लिया गया।
उन्होंने ट्वीट किया, “किसी को भी अगर यह लगता है कि सरकार ने बड़प्पन दिखाते हुए कृषि कानूनों को रद्द किया है तो यह उसकी गलतफहमी है। यह सरकार केवल अपने खिलाफ स्थिति जाते देख प्रतिक्रिया देती है। उपचुनावों में मिले झटके के बाद जैसे ईंधन के दाम कम कर दिए गए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पंजाब में चुनावी गणित गड़बड़ाने के साथ ही कृषि कानून निरस्त कर दिए गए हैं।”
बता दें कि शुक्रवार सुबह गुरु नानक देव जी की जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के निर्णय की घोषणा की। इन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले साल से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।