राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका बस चले तो वे किसी भी पद पर न रहें। गहलोत की ये टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब उन्होंने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि चुनाव के नतीजे चाहे जो भी हों, एकजुट होकर काम करना और यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि पार्टी एक मजबूत विपक्षी दल के रूप में उभरे। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि वे बिना किसी पद पर रहते हुए राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में शामिल होने को तैयार हैं।
दिग्गज कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं तीन बार कांग्रेस का महामंत्री रहा हूं। तीन बार प्रदेश अध्यक्ष रहा हूं। मेरा बस चले तो मैं किसी पद पर रहूंगा ही नहीं। राहुल गांधी जहां कहेंगे, वहां यात्रा पर निकल जाऊंगा।” गहलोत ने कहा, “मैं (केरल से राजस्थान) लौटने के बाद तिथि तय करूंगा (नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए), लेकिन मैंने फैसला किया है कि मुझे चुनाव लड़ना होगा। यह लोकतंत्र का सवाल है और आइए, हम एक नई शुरुआत करें।”
उन्होंने कहा, “मैंने तो (राहुल गांधी से) कहा है कि मेरी इच्छा है और मेरा बस चले तो मैं किसी पद पर ना रहूं। मैं लगातार 40 साल तक केंद्रीय मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, महामंत्री और तीन बार मुख्यमंत्री रहा हूं। मैं बिना पद राहुल गांधी के साथ पदयात्रा में शामिल हो जाऊं। पद या बिना पद के जो भी काम दिया जाएगा उसके लिए मैं तैयार हूं।”
राहुल गांधी के अध्यक्ष पद का चुनाव न लड़ने के संकेत देने के मद्देनजर पार्टी का नेतृत्व दशकों बाद किसी गैर-गांधी नेता के हाथों में जाने की संभावना जताई जा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए घोषित कार्यक्रम के अनुसार, अधिसूचना कल बृहस्पतिवार को जारी होने के बाद अब नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी। नामांकन वापस लेने की अंतिम तिथि आठ अक्टूबर है। एक से अधिक उम्मीदवार होने पर 17 अक्टूबर को मतदान होगा और नतीजे 19 अक्टूबर को घोषित किये जाएंगे।