पलक्कड़, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गणतंत्र दिवस के मौके पर केरल के पलक्कड़ जिले के एक स्कूल में ध्वजारोहण किया। इसके लिए लंबे समय से तैयारियां की जा रही थीं। गौरतलब है कि पिछले साल 15 अगस्त को भी भागवत ने एक स्कूल में तिरंगा फहराया था जिसके बाद काफी बवाल हो गया था। वहीं भारत के 69वें गणतंत्र दिवस के मौके पर एअाईएमअाईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
इस साल भी भागवत के दौरे से ठीक पहले केरल सरकार ने एक सर्कुलर जारी कर यह निर्देश दिया था कि राज्य के सभी सरकारी कार्यालय, स्कूल और कॉलेजों में तिरंगे झंडे का झंडारोहण विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष ही करेंगे। हालांकि, मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि ये दिशा-निर्देश केंद्र के वर्तमान नियमों और निर्देशों के आधार पर जारी किए गए हैं और इनमें कुछ भी नया नहीं है।
गौरतलब है कि केरल रवाना होने से पहले मुंबई में एक कार्यक्रम में भागवत ने जातिगत राजनीति को जरूरी बताते हुए कहा था कि यह इसलिए मौजूद है क्योंकि लोग जाति के नाम पर वोट देते हैं। उन्होंने कहा कि जब समाज में बदलाव आएगा तो राजनीति भी बदलेगी। मोहन भागवत मुंबई शेयर बाजार के सभागार में ‘राष्ट्रवाद और व्यापार में नैतिकता’ विषय पर बोल रहे थे। भागवत ने कहा कि ‘आराम और प्रतिष्ठा’ अस्थायी हैं और लोगों को इससे प्रभावित हुए बिना इससे दूर रहना चाहिए।