देश में गोहत्या को लेकर जारी बहस के बीच राजस्थान हाईकोर्ट ने अहम टिप्पणी की है। राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए। कोर्ट ने गोवंश की हत्या पर सजा को बढ़ाकर आजीवन कैद किए जाने की बात भी कही है। हिंगोनिया गोशाला मामले में फैसला सुनाते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए और गोहत्या करने वाले को आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। जज ने यह भी कहा कि गायों की हिफाजत राज्य सरकार की जिम्मेदारी है।
हाईकोर्ट ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने के लिए सूबे के मुख्य सचिव और महाधिवक्ता से कार्रवाई करने को कहा है। अदालत ने कहा कि गोकशी करने वालों के लिए आजीवन कारावास का प्रावधान किया जाए। अदालत ने कहा कि इस बाबत पूर्व में दिए गए आदेश का पालन किया जाए। हाईकोर्ट ने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड में गंगा को सजीव मानव का दर्जा दिया गया है उसी तरह गाय तो एक जीवित पशु है जिसके दूध से लेकर हर तरह के प्रोडक्ट्स लोगों के लिए जीवनदायी है। राज्य सरकार इसे राष्ट्रीय पशु घोषित कराने का प्रयास करे। साथ ही राजस्थान हाईकोर्ट ने फैसले में कहा है कि हिंगोनिया गौशाला में भ्रष्टाचार की जांच एसीबी करे। कोर्ट ने एडीजे को हर तीन महीने में गोशाला को लेकर रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने वन विभाग को गौशाला में हर साल 5 हजार पौधे लगाने को कहा है।
पिछले दिनों इसी कड़ी में मद्रास हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार के गोवंश को मारे जाने के लिए होने वाली बिक्री पर जारी नोटिफिकेशन पर चार हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी। गैर-बीजेपी दल शासित राज्यों में केंद्र सरकार के नोटिफिकेशन का पहले से ही विरोध हो रहा है।