नई दिल्ली, जेएनएन। आज देश अपना 69वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस मौके पर भारत राजपथ पर अपनी सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक धरोहर और विविधताओं का प्रदर्शन करेगा। भारतीय इतिहास में पहली बार आसियान के दस देशों के राष्ट्राध्यक्ष एक साथ मुख्य अतिथि के रूप में पधारे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के झंडा फहराने के साथ ही राजपथ पर उत्सव शुरू हो गया है। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने आसियान देशों से आए मेहमानों का स्वागत किया.
थोड़ी देर में परेड शुरू होगी। गणतंत्र दिवस परेड में सैन्य अफसर आसियान का झंडा लेकर चलेंगे। राजपथ पर परेड में विभिन्न राज्यों, मंत्रलयों, आल इंडिया रेडियो समेत 23 झांकियां होंगी। 1967 में स्थापित आसियान में थाईलैंड, मलेशिया, वियतनाम, इंडोनेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रूनेई हैं। इन सभी देशों के नेताओं के मुख्य अतिथि बनने को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही ऐतिहासिक और अभूर्तपूर्व करार दे चुके हैं।
123 खूबसूरत झांकियों में पहली बार आल इंडिया रेडिया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मासिक कार्यक्रम मन की बात पर भी झांकियां होंगी। इसी के साथ आयकर विभाग कालेधन विरोधी अभियान और नोटबंदी पर भी अपनी एक झांकी पेश करेगा।
एमआइ-17 और रुद्र के सशस्त्र हेलीकॉप्टर के साथ वायुसेना के विमान उड़ान भरेंगे। भारतीय वायुसेना के पांच एमआइ-17 वी5 हेलीकॉप्टर तिरंगा, आसियान का झंडा और सशस्त्र सेनाओं का झंडा लेकर आसमान से पुष्प वर्षा करेंगे। इसके अलावा बीएसएफ का ऊंटों का भी एक दस्ता परेड में शामिल होगा। परेड में 51 घोड़ों का दस्ता भी चलेगा।
इसी तरह नौसेना युद्धपोत वाहक विक्रांत को परेड में दिखाएगी। यह नौसेना में 2020 में शामिल किया जाएगा। इसीतरह डीआरडीओ की ओर से निर्मित ‘निर्भय’ मिसाइल और ‘अश्विनी’ रडार प्रणाली भी प्रदर्शित की जाएगी।
राजपथ पर तीन टी-90 युद्धक टैंकों, दो ब्रह्मोस मिसाइलों, दो आकाश मिसाइलों की भी धमक होगी। केंद्र सरकार की ओर से देश के विभिन्न हिस्सों से 61 आदिवासी मेहमान भी गणतंत्र दिवस उत्सव में शामिल होंगे।
राष्ट्र के नाम राष्ट्रपति कोविंद का संबोधन
देश के 69वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए रामनाथ कोविंद ने लोगों से उदारतापूर्ण व्यवहार और भाईचारे की बात कही। उन्होंने कहा कि त्योहार मनाते हुए विरोध प्रदर्शन करते हुए या किसी दूसरे अवसर पर हम अपने पड़ोसी की सुविधा का ध्यान रखते हैं और यही भाईचारा है। राष्ट्रपति ने इस परोक्ष सांकेतिक टिप्पणी के सहारे असहमति के नाम पर हिंसा को खारिज किया। फिल्म पद्मावत के विरोध में जारी हिंसा का जिक्र किये बिना राष्ट्रपति ने कहा है कि किसी के नजरिये या इतिहास की किसी घटना के बारे में असहमति हो सकती है मगर एक दूसरे के निजी मामलों और अधिकारों के सम्मान से ही एक सजग राष्ट्र का निर्माण होता है।उन्होंने संविधान निर्माताओं की दूरदर्शिता का जिक्र करते हुए कहा कि वे देश के संविधान में कानून का शासन और कानून द्वारा शासन के महत्व को वे बखूबी समझते थे। इस लिहाज से हम सौभाग्यशाली हैं कि हमें संविधान और गणतंत्र की यह अनमोल विरासत मिली है।
राहुल गांधी की संविधान की रक्षा की अपील
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश की जनता से संविधान की रक्षा के अपने प्रण को दोहराने की अपील की है। संवैधानिक संस्थाओं पर एनडीए सरकार के प्रहार करने के कांग्रेस के आरोपों का जिक्र किये बिना राहुल ने कहा कि संविधान हमारे गणतंत्र की अमूल्य थाती है। इसीलिए हम सब को एक व्यक्ति के रुप में संविधान को किसी तरह के खतरे से बचाने की अपनी उम्र भर के दायित्व को जीवंत बनाये रखना चाहिए।