पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की दोषी नलिनी मुरुगन ने अपनी रिहाई के लिए संयुक्त राष्ट्र से गुहार लगाई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग को लिखी छह पन्नों की अपनी चिट्ठी में नलिनी ने आयोग से भारत सरकार को उसे रिहा करने का निर्देश देने की मांग की है।
नलिनी ने इस चिट्ठी में लिखा है कि, ‘वह और मामले के छह अन्य दोषी जेल में उम्र कैद से ज्यादा की सज़ा काट चुके हैं। उसने लिखा है कि यहां कई विशेष योजनाएं हैं, जिसके तहत उसे रिहा किया जा सकता है।’
नलिनी ने लिखा है, ‘राजीव गांधी की हत्या के मामले में दोषी करार दिए जाने का हवाला देकर मुझे जेल से रिहाई के उन नियमों के लाभ से वंचित रखा गया, जो कि देश में उम्र कैद की सजा भुगत रहे अन्य दोषियों को मिलता है।’
नलिनी ने कहा कि, ‘उसे इस तरह से जेल में बंद रखना भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन और केंद्र व तमिलनाडु सरकार की नाकामी है। चिट्ठी के अंत में उसने आयोग ने गुजारिश की है कि भारतीय जेल में सबसे ज्यादा वक्त से बंद महिला कैदी होने की बात को ध्यान में रखते हुए वह केंद्र को अनुच्छेद 72 के अंतर्गत उसे रिहा करने को कहे।’
बता दें कि राज्य सरकार ने यह साफ कर रखा है कि उसके मामले की जांच सीबीआई ने की थी, इसलिए उसे राज्य की किसी योजना के तहत रिहा नहीं किया जाएगा।